जयपुर। प्रदेश में बाल श्रम जैसी कुप्रथा को सम्पूर्ण समाप्त करने के लिए श्रम विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश श्रम सचिव नीरज के पवन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में दिए। श्रम सचिव ने कहा कि कोरोना के कारण गत 2-3 माह में लगभग सभी उद्योग लॉकडाउन के कारण बंद रहे है तथा अब उद्योगों के प्रारंभ होने की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि इस शुरूआत के साथ ही सभी श्रमिक अपने-अपने निवास स्थान से पुनः अपने नियोजन के स्थान पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह श्रमिकों एवं उद्योगों के लिए एक नई शुरूआत है। यहां हमें यह ध्यान रखना है कि इस दौर में श्रमिकों के काम पर लौटने के साथ-साथ कही बाल श्रमिक भी किसी कार्य में नियोजन के लिए प्रस्थान ना करलें।
श्रम सचिव ने विभाग के निरीक्षकों एवं अधिकारियों को निर्देश दिए कि अन्य सभी संबंधित विभागों- पुलिस, चाइल्ड लाईन, जिला प्रशासन, बाल कल्याण समितियां आदि के समन्वय एवं सहयोग से बाल श्रमिकों का नियोजन एवं पलायन दोनो रोकने हैं। उन्होंने कहा की अभी हाल ही में जयपुर में खोह-नागोरियान में चूड़ी कारखाने में काम करने वाले 10 बाल श्रमिकों को मुक्त कराये जाने का कार्य विभागीय अधिकारियों व निरीक्षको द्वारा मुस्तेदी से किया गया जिसकी प्रशंसा भी की एवं इसी भावना एवं तत्परता से अन्य जिलों में भी बाल श्रम संभावित क्षेत्रों में कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।
पवन ने सभी जिला स्तरीय श्रम अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिलो में सघन अभियान चलाया जाए जिसमें मुख्य रूप से ईंट भट्टे, पटाखा उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, होटल ढाबे आदि का निरीक्षण किया जाए। ऎसे संस्थानों में बाल श्रमिक नियोजित पाये जाने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी तथा नहीं पाये जाने पर नियोजक को बाल श्रम नियोजित नहीं करने के संबंध में जानकारी प्रदान कर उनसे बाल श्रमिक नियोजित नहीं करने का शपथ-पत्र लिया जाएगा।