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बढ़ेगा कोरोना का कहर, नहीं होंगी कावड़ यात्राएं

जयपुर। जुलाई-अगस्त माह में कोरोना संक्रमण की स्थिति विकट होने की संभावनाओं को देखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है कि सावन माह में श्रद्धालु पवित्र नदियों का जल लेने के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाएं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की राज्य सरकारों ने श्रावण मास मे कावड़ यात्राएं सोश्यल डिस्टेंसिंग के साथ स्थानीय स्तर पर ही आयोजित किए जाने का निर्णय लिया है।

इसे देखते हुए राजस्थान से इन राज्यों में श्रद्धालु कावड़ लेकर नहीं जाएं। वहां इन यात्राओं को प्रवेश नहीं दिए जाने से श्रद्धालुओं को असुविधा हो सकती है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को पत्र लिखकर राजस्थान से कावड़ यात्राएं नहीं भेजे जाने के संबंध में आग्रह किया है।

स्वरूप ने कहा कि राजस्थान में कोरोना के संक्रमण को सीमित करने में धर्मगुरुओं, संत-महंतों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, व्यापारियों सहित सभी वर्गों का पूरा सहयोग मिला, इसी कारण राजस्थान में कोरोना से ठीक होने की दर देश में सबसे अधिक है। मृत्युदर भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने आगामी जुलाई और अगस्त माह में भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति विकट होने की संभावना व्यक्त की है। इसलिए श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि वह स्वयं के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए अन्य राज्यो में कावड़ यात्रा पर नहीं जाएं। स्थानीय स्तर पर ही घरों में रहकर पूजा अर्चना करें।

राजस्थान से बड़ी संख्या में कावड़ यात्री हरिद्वार, सौरोंजी, मथुरा, वृंदावन से गंगा और यमुना नदी का पवित्र जल कावड़ मे लेकर आते हैं और शिवालयों में अभिषेक करते हैं।

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