जयपुर। राजस्थान के सियासी संग्राम में नित नए दांव-पेंच खेले जा रहे हैं। शनिवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रस्ताव पेश करते उससे पहले भाजपा नेता राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंच गए और उन्हें ज्ञापन सौंपा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ व अन्य भाजपा नेताओं ने कहा कि सत्ताधारी दल के आंतरिक संघर्ष के कारण राज्य में अराजक स्थिति बनी हुई है।
मुख्यमंत्री जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं, उससे राज्य में कानून व्यवस्था खराब होने की स्थिति है। राजभवन को घेरने की धमकी देना, राजभवन को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थता व्यक्त करना, राजभवन में विधायकों की भीड़ जुटाना, नारेबाजी करना सीधा-सीधा राजभवन को आतंकित करने का प्रयास है।
शुक्रवार को जिस तरह मुख्यमंत्री अपने गुट के विधायको के साथ राजभवन आए, नारेबाजी कर अराजकता का वातावरण तैयार किया और महामहिम पर अनैतिक दबाव बनाते हुए अपने पक्ष में निर्णय कराने का प्रयास किया, यह संवैधानिक संस्थाओं को आतंकित करने का प्रयास है।
राजभवन में एक साथ बड़ी संख्या में विधायकों का एकत्रित होना वर्तमान में कोरोना के परिपेक्ष्य में जारी दिशानिर्देशों का खुला उल्लंघन है। डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के दिशानिर्देशों की अवहेलना कर प्रदर्शन किए गए।
इसलिए हम मांग करते हैं कि संवैधानिक प्रमुख होने के नाते आप समुचित कार्रवाई और न्यायोचित संरक्षण प्रदान करें।