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अब ड्रोन से होगी अवैध खनन की निगरानी

जयपुर। माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य में अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए सतर्कता प्रकोष्ठ को सशक्त बनाए जाएगा।

अवैध खनन पर निगरानी के लिए तकनीक का प्रयोग करते हुए ड्रोन के उपयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही है। वहीं राजस्व बढ़ोतरी और पारदर्शी व स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए रॉयल्टी ठेकों की नीलामी ई-आक्शन के माध्यम से की जाएगी।

अग्रवाल मंगलवार को खनिज भवन में खान एवं भूविज्ञान विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार प्रदेश में बजरी सहित अन्य खनिजों के अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने और राजस्व छीजत को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है।

रायल्टी ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधान खनिजों के नीलामी के ऑनलाइन एमएसटीसी पोर्टल पर ई-नीलामी की व्यवस्था की गई है।

अग्रवाल ने बताया कि कोविड के कारण प्रभावित खनन गतिविधियां अब पूरे प्रदेश में पूरी गति से शुरू हो गई है। पहले जहां साढ़े तीन हजार श्रमिक इस कार्य में लगे थे, वहीं अब करीब पांच हजार श्रमिक इस कार्य में जुड़ गए हैं।

लॉकडाउन के बावजूद जून और जुलाई माह में खनिज क्षेत्र में गत साल की तुलना में अधिक राजस्व प्राप्त किया है। उन्होंने समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर बकाया राजस्व की वसूली करने के निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ होने वाली मारपीट की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस महानिदेशक स्तर पर चर्चा कर इसका हल खोजा जाएगा।

अग्रवाल ने अधिकारियों को एमसैण्ड नीति को शीघ्र अंतिम रूप देने, पुराने बकाया की वसूली के लिए एमनेस्टी स्की, नए खनन प्लॉट तैयार कर ई-ऑक्शन व खनिज भंडारों की खोज कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

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