जयपुर। प्रदेश के शहरों में पाइपलाइनों से घरेलू गैस वितरण के लिए शहरी गैस वितरण नीति का निर्माण किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने राज्य शहरी गैस वितरण नीति-2020 में शहरों में पाइपलाईन के माध्यम से घरेलू गैस का वितरण, उद्योगों के लिए गैस की आपूर्ति, सीएनजी स्टेशनों की आवश्यकतानुसार स्थापना और सीएनजी वाहनों के लिए गैस की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए नेटवर्क विकसित किया जाएगा।
अग्रवाल ने राजस्थान राज्य गैस लिमिटेड के प्रबंध संचालक डॉ. संजीव पाठक से विस्तार से चर्चा की और शहरी गैस वितरण नीति का प्रारूप जल्दी तैयार कर सरकार को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। अग्रवाल ने बताया कि शहरों में प्राकृतिक गैस के पाइप लाईन के माध्यम से वितरण के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड को अधिकृत किया जाता है।
प्रदेश के 19 शहरों के लिए विभिन्न कंपनियों को अधिकृत किया गया है पर समुचित मोनेटरिंग व समन्वय के अभाव में शहरी गैस वितरण नेटवर्क गति नहीं पकड़ सका है। प्रस्तावित नीति में हरित और स्वच्छ ईंधन के रुप में प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देने, शहरी गैस वितरण आधारभूत संरचना को तेजी से विकसित करने, प्राकृतिक गैस के सुरक्षित और विश्वसनीय संचालन व निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराने पर जोर दिया जाएगा।
अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से समन्वय बनाते हुए शहरी गैस वितरण संस्थाओं को समय पर अनुमतियां जारी कराने, शुल्क को युक्तिसंगत बनाने, मानकीकृत और एकरुपता के लिए नीतिगत ढांचा और आवश्यक समर्थन नेटवर्क विकसित करने पर इस नीति में जोर दिया जाएगा।
राजस्थान स्टेट गैस लि. के प्रबंध संचालक डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि राजस्थान गैस लि. द्वारा कोटा शहर में शहरी गैस वितरण नेटवर्क का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के ग्वालियर के कुछ क्षेत्र व श्योपुर के अधिकृत क्षेत्र में शहरी गैस वितरण का आधारभूत संरचना तैयार करने और वितरण व्यवस्था के लिए अधिकृत किया हुआ है।