जयपुर। गुर्जर आंदोलन समाप्त हो चुका है लेकिन गुर्जर नेता आंदोलन के दौरान रही अपनों की बेरुखी और अब उनकी मीठी-मीठी बातें करने से बेहद नाराज हैं। नदबई विधायक जोगिंदर सिंह अवाना और टोंक-सवाई माधोपुर सांसद सुखवीर सिंह जौनपुरिया ने पिछले दिनों भरतपुर के रुदावल गांव में आयोजित एक समारोह में कहा कि उन्होंने सरकार के सामने गुर्जरों की मांगों को रखने का काम किया है।
और अब, सरकार भी गुर्जरों की मांगों को लेकर सकारात्मक है। युवा गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष बंटी गुर्जर ने दोनों गुर्जर नेताओं की आलोचना करते हुए कहा है कि गुर्जर समाज के ये नेता भविष्य में वोटों के लालच के कारण अब मीठी-मीठी बातें कर रहे हैं लेकिन संघर्ष के दिनों में ये समाज से ऐसे अलग-थलग थे जैसे समाज के आंदोलन से इनका कोई संबंध ही नहीं है।
युवा गुर्जर नेता बंटी गुर्जर की नाराजगी
विधायक अवाना और सांसद जौनपुरिया की लुभावनी बातों को लेकर बंटी गुर्जर ने कहा कि 11 नवम्बर तक पटरियों पर समाज का आंदोलन चला तो इन विधायक और सांसद ने आंदोलन करने वालों की कुशलक्षेम तक नहीं पूछी। समाज के लिए उन्होंने सरकार से किसी किस्म की वार्ता तक नहीं की।
अब जबकि सरकार ने आंदोलन के बाद आंदोलनकर्मियों के साथ वार्ता की तो नेता श्रेय लेने के लिए आगे आ रहे हैं। इन नेताओं का उद्देश्य केवल और केवल वोटों के लिए गुर्जर समाज का इस्तेमाल करना है। इसके अतिरिक्त वे समाज की सुध तक नहीं लेते। बंटी गुर्जर का कहना है कि गुर्जर समाज के लोग नेताओं की इन चालबाजियों को समझ चुके हैं और अब वे किसी किस्म के झांसे में नहीं आने वाले हैं।