जयपुर। राजस्थान की सियासत में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से कांग्रेस में जबरदस्त हड़कंप मच गया है। कांग्रेस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एआईसीसी ने प्रदेश में ओवैसी की एंट्री को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जानकारी मांगी है। कहा जा रहा है कि एआईसीसी से आए फोन के बाद प्रदेश कांग्रेस में ओवैसी के डर को दूर करने के तरीके तलाशे जा रहे हैं।
क्लियर न्यूज ने 13 दिसंबर ‘राजस्थान की सियासत में ओवैसी ने मारी एंट्री’ खबर प्रकाशित कर बताया था कि डूंगरपुर जिले में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का जिला प्रमुख नहीं बनने से नाराज पार्टी अध्यक्ष ने एक ट्वीट किया था, जिसका जवाब देकर ओवैसी ने प्रदेश की राजनीति में एंट्री मार ली है। खबर प्रकाशित होने के बाद प्रदेश के कई मीडिया संस्थानों और इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने इस खबर को प्रकाशित करना शुरू कर दिया। प्रदेश की मीडिया के साथ-साथ देश के कुछ प्रमुख इलेक्ट्रानिक मीडिया संस्थानों नें भी इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया।
सूत्र बताते हैं कि क्लियर न्यूज में प्रकाशित खबर एआईसीसी पहुंची, जिसके बाद एआईसीसी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी से इसकी जानकारी मांग ली है। पीसीसी से पूछा गया है कि वह इसके लिए क्या कर रही है? कहा जा रहा है कि एआईसीसी प्रदेश में ओवैसी की एंट्री की खबरों पर बेहद गंभीर है, क्योंकि कांग्रेस ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को भाजपा की बी टीम बताती है और आरोप लगाती आ रही है कि भाजपा कांग्रेस को कमजोर करने के लिए ओवैसी का सहारा ले रही हैं।
उल्लेखनीय है कि क्लियर न्यूज ने सबसे पहले 11 नवंबर को ‘हैरिटेज निगम में मुस्लिम महापौर नहीं बनाने का मामला पहुंचा ओवैसी के पास ‘खबर प्रकाशित कर बताया था कि ओवैसी राजस्थान की सियासत पर गहरी नजर रख रहे हैं। हो सकता है कि अगले विधानसभा चुनावों में ओवैसी की पार्टी राजस्थान में किस्मत अजमा ले। इसके बाद 25 नवंबर को ‘राजस्थान में भाजपा ने शुरू किया अल्पसंख्यकों को कांग्रेस से दूर करने का काम’ और 26 नवंबर को ‘ओवैसी के नाम से राजस्थान में शुरू हुई हिन्दु-मुस्लिम की राजनीति ‘ खबर प्रकाशित कर बताया था कि कांग्रेस की एक भूल नेे भाजपा को प्रदेश में अपना एजेंडा चलाने का मौका दे दिया है।
भाजपा में खुशी का माहौल
हालांकि ओवैसी ने अभी प्रदेश में कदम नहीं रखा है, लेकिन ओवैसी के नाम की धमक से भाजपा खेमा गदगद है। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि भाजपा वालों का खुश होना लाजमी भी है, क्योंकि यदि ओवैसी की पार्टी राजस्थान में दस्तक देती है तो पूरा नुकसान कांग्रेस को ही होने वाला है और एआईएमआईएम का कांग्रेस के परंपरागत मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाना तय माना जा रहा है। कांग्रेस अभी वेट एंड वॉच की रणनीति अपना रही है।