राजनीति

15 दिसम्बर बीता, आपातकालीन तो छोड़िए संसद का शीतकालीन सत्र भी नहीं बुला रही सरकार!

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव की वैक्सीन आने में समय है और इसीलिए इसके दुष्प्रभाव का डर बना हुआ है। यह वायरस के संक्रमण के भय का ही परिणाम है कि देश की संसद का शीतकालीन सत्र इस बार नहीं बुलाया जा रहा है। सरकार ने कहा है कि वह अब शीतकालीन सत्र की बजाय सीधे जनवरी में संसद का बजट सत्र ही बुलाएगी।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान सरकार को आपातकालीन सत्र बुलाकर तीनों नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, अब ऐसा लगता है कि सरकार शीतकालीन सत्र को ना बुलाने की मंशा जताकर किसानों की मांग भी ठुकरा रही है।

संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी के पत्र से खुलासा

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी को शीतकालीन सत्र बुलाने का आग्रह करते हुए पत्र लिखा था। इस पत्र के जवाब में कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं ने शीतकालीन सत्र बुलाने को लेकर अपनी चिंताएं जाताई थीं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण इस बार मॉनसून सत्र भी सितंबर में हो पाया था, जिसमें काफी सावधानी बरती गई थी।

इसी संदर्भ में जनवरी 2021 बजट सत्र के लिए उपयुक्त रहेगा। जोशी के पत्र से स्पष्ट हो गया है कि सरकार शीतकालीन सत्र बुलाने को तैयार नहीं है। उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन के जरिए उस पर आपातकालीन सत्र बुलाकार कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि सरकार शीतकालीन सत्र को ना बुलाने की मंशा जताकर किसानों की मांग भी ठुकरा रही है।

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