बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया (बीसीसीआई) के वर्तमान अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रविवार की शाम पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस मुलाकात ने एक बार फिर गांगुली के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर सक्रिय राजनीति में उतरने की अटकलों को हवा दे दी है।
हालांकि राजभवन की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि यह सामान्य शिष्टाचार मुलाकात थी। लेकिन, जिस तरह से अप्रेल-मई 2021 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में पिछले करीब एक महीने से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी गतिधियां पश्चिम बंगाल में तेज की हैं, इस संदर्भ में गांगुली और राज्यपाल धनखड़ के बीच कथित शिष्टाचार मुलाकात के आधार पर गांगुली के राजनीतिक सफर की शुरुआत के कयास लगाया जाना स्वाभाविक लगता है।
एक घंटे की मुलाकात के कारणों पर गांगुली की चुप्पी
गांगुली ने शाम को करीब एक घंटे तक राज्यपाल जगदीप धनखड़ से कई मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद गांगुली के राजनीति में उतरने की अटकलें लगाई जाने लहीं। हालांकि राज्यपाल से मुलाकात के कारणों पर गांगुली ने अब तक चुप्पी साध रखी है लेकिन राजभवन की ओर से कहा गया कि इस मुलाकात के पीछे कोई राजनीतिक बात नहीं है। अलबत्ता राजभवन की ओर से यह जरूर स्पष्ट किया गया कि गांगुली ने उन्हें देश के सबसे पुराने क्रिकेट ग्राउंड ईडन गार्डन का दौरा करने का आग्रह किया जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
अप्रेल-मई में होने हैं पश्चिम बंगाल मेॆ विधानसभा चुनाव
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में अप्रेल-मई के दौरान विधानसभा चुनाव होने हैं और कयास लगाया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में गांगुली की लोकप्रियता का लाभ भारतीय जनता पार्टी लेना चाहती है। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र जय शाह बीसीसीआई सचिव के तौर पर गांगुली के सहयोग करते हैं। बीसीसीआई में यह सियासी कोण भी गांगुली के राजनीतिक सफर की शुरुआत की अटकलों को बढ़ा रहा है। यह भी गौरतलब है कि गांगुली से पहले भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी और वह फिलहाल वे दिल्ली से भाजपा के सांसद हैं।