कुछ दिनों में ही मिलेगा प्रिंट संस्करण
किसानों की बहुप्रतीक्षित मासिक पत्रिका “किसान सरोकार” का डिजिटल संस्करण बाजार में लांच कर दिया गया है। इस पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी अगले तीन – चार दिनों में ही बाजार में उपलब्ध हो जाएगा।
किसानों को हमेशा वोट बैंक ही समझा गया
इस अवसर पर पत्रिका के मुख्य संपादक विनोद सिंह ने बताया कि देश में दिन-प्रतिदिन किसानों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और राजनीतिक दलों द्वारा उन्हें सिर्फ एक वोट बैंक से अधिक कभी नहीं समझा गया। इसका एक प्रमुख कारण देश में किसानों की अपनी कोई आवाज का ना होना रहा। है। उन्होने कहा कि यह किसान सरोकार पत्रिका किसानों की अपनी आवाज बनेगी।
किसानों की आवाज बनेगी यह पत्रिका
पत्रिका के संपादक अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि अरसे से हिंदी में किसानों की स्तरीय पत्रिका का अभाव महसूस किया जा रहा था। इसी कमी को पूरा करने के लिए “किसान मंच” ने इस 52 पृष्ठ की शानदार कटेंट वाली सम्पूर्ण रंगीन मासिक पत्रिका “किसान सरोकार” का शुभारंभ किया है। यह पत्रिका किसानों की अपनी आवाज बनकर उनके हितों की न सिर्फ लड़ाई लड़ेगी बल्कि उनको सम्मानजनक हक भी दिलवाएगी।