जयपुर

100 बीघा गोचर भूमि पर विकसित किया जा रहा पारिजात उद्यान

जयपुर। कैसे आकाश में सूराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। कवि दुष्यंत का यह शेर जिले के ग्राम पंचायत फतेहपुरा में चरितार्थ होता नजर आ रहा है। जहाँ आईसीआईसीआई फाउंडेशन और पंचायत की संयुक्त सामाजिक पहल के चलते बंजर पड़ी गोचर भूमि पारिजात उद्यान के रुप में विकसित होने की ओर कदम बढ़ा चुका है।

फतेहपुरा में संभवत: देश के पहले इस अनूठे नवाचार के चलते अब 100 बीघा भूमि पर 11 हजार से अधिक पौधे वृक्षों के रुप में तब्दील होने को है। जो स्थानीय ग्रामवासियों को उत्साह से लबरेज कर रहे हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष अगस्त माह में पारिजात उद्यान का शिलान्यास किया था। उद्यान को तैयार करने में स्थानीय ग्रामीण और युवाजन अपने स्तर पर सहयोग कर रहे हैं।

18 किस्मों के पौधे लगे, पशुओं के लिए पोषणयुक्त घास

उद्यान में जहां पशुओं के लिए चराई वाले पौधे रोपे गए, वहीं पंचायत को आर्थिक मोर्चे पर सक्षम करने के लिए फलदार पौधे भी रोपे गए हैं। यहां करंज, नीम, शीशम, अमलताश, कालिया सीरस, बबूल, रुंझ, गुलमोहर, आम, अमरुद, नींबू, सहजन, आंवला, सीताफल, जामुन, बांस सरीखे 18 किस्मों के पौधे रोपे गए हैं। फलदार पौधों के पेड़ों में तब्दील होने से जहां स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन में सहायता मिलेगी, वहीं पंचायत की आय में वृद्धि हो सकेगी। इसी तरह पशुओं की चराई के लिए वेटिवर घास उगाई जा रही है। ताकि ग्राम स्तर पर चरवाहों के पशुओं को पोषणयुक्त घास उपलब्ध हो सकेगी।

सीखेंगे जैविक कृषि के गुर

आईसीआईसीआई फाउण्डेशन के विकास अधिकारी परमवीर सिंह ने बताया कि पंचायत की अनुपयोगी भूमि को उपजाऊ बनाना का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत स्थानीय स्तर के भूमिहीन किसानों, बेरोजगार युवाओं का चयन किया जाएगा। इन लोगों को पंचायत के माध्यम से प्रशिक्षित कर जैविक कृषि कराई जाएगी।

सहेजा जाएगा बरसात का पानी

उद्यान में बरसात की बूंद-बूंद को सहेजने का प्रयास किया गया है। पानी को सहेजने के लिए यहां 3.10 लाख लीटर की क्षमता वाला एक फार्म पौण्ड तैयार किया गया है। वहीं ग्रामीणों को वर्षाजल को सहेजने का संदेश भी मिलेगा। उपखण्ड अधिकारी ने समीप ही एक फैक्ट्री के दायरे में बरसने वाले बरसात के पानी को फार्म पौण्ड तक पहुंचाने के लिए पटवारी को निर्देश दिए।

युवाओं ने लिया वृक्षों को गोद

हाल ही नेहरू युवा मण्डल, विवेकानंद युवा मण्डल के कार्यकर्ताओं ने उद्यान में श्रमदान किया और संकल्प लिया कि प्रत्येक युवा 5-5 पौधों को गोद लेकर उनकी सार-संभाल करेगा। इसी तरह ग्रामीणों ने भी आगे होकर पौधों को गोद लिया है।

प्रशासन ने प्रयासों को सराहा

उद्यान के विकसित होने के साथ ही अब स्थानीय प्रशासन भी सहयोग कर रहा है और समय-समय पर भ्रमण कर दिशा-निर्देश दे रहा है। गत माह एसडीएम अभिषेक सुराणा ने यहां स्थानीय उद्यानिकी अधिकारी, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी के साथ दौरा कर फाउण्डेशन व पंचायत के प्रयासों को सराहा।

सर्दी से बचाने के लिए लगाया देशी जुगाड़

उद्यान में पौधों को तेज सर्दी व पाले से बचाव के लिए देशी उपाय इस्तेमाल किए जा रहे हैं। स्थानीय युवा मुकेश कुमार गुर्जर ने बताया कि तेज सर्दी व पाले की स्थिति में पौधे सूखने के कगार पर आ जाते हैं। ऐसे में समय रहते इन्हें पानी-पूळे से बांधा जा रहा है। ताकि कड़ाके की सर्दी का प्रकोप इन पौधों पर न पड़े।

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