कोटा में बुधवार को एसीबी ने अजब-गजब ट्रेप कार्रवाई को अंजाम दिया। एसीबी ने रिश्वत की रकम लेने वाले ग्राम विकास अधिकारी को तो गिरफ्तार किया ही, उसका साथ देने के आरोप में तीन लोगों को भी पकड़ा है। इस कार्रवाई को अजब-गजब इसलिए कहा जा रहा है कि मूल आरोपी ने रिश्वत की रकम एक सहयोगी को पकड़ाई तो उसने वह रकम दूसरे को दे दी। जबकि ट्रेप की कार्रवाई कार में होने के कारण कार मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि ट्रेप की यह कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भवानी शंकर मीणा के नेतृत्व में हुई। कोटा की तहसील रामगंजमंडी के सुकेत निवासी एक व्यक्ति ने परिवाद दर्ज कराया था कि ग्राम विकास अधिकारी महिपाल सिंह द्वारा गांव के 12 पट्टे देने के एवज में प्रति पट्टा 5 हजार रुपए के हिसाब से 60 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। बाद में प्रति पट्टा 4500 रुपए देना तय हुआ। महिपाल 36 हजार रुपए ग्रामवासियों से पहले ही वसूल चुका था। शेष रकम 18 हजार रुपए देते समय एसीबी ने ट्रेप की कार्रवाई को अंजाम दिया।
परिवादी से रिश्वत की रकम प्राप्त करते ही महिपाल को ट्रेप कार्रवाई की भनक लग गई। ऐसे में वह घर से भाग कर बाहर खड़ी मारुति अल्टो कार में सवार होकर फरार होने की कोशिश करने लगा। इस दौरान उसने सहयोगी वकार अहमद को यह राशि सौंप दी। वकार ने यह राशि कार में ही सवार मोहम्मद रफसंजानी को दे दी। रफसंजानी ने यह रकम अपनी पेंट की जेब में रख ली।
एसीबी टीम ने इनको पकड़ कर तलाशी ली और रिश्वत की रकम रफसंजानी की जेब से बरामद कर ली। धोवन में महिपाल की जैकेट की जेब, वकार के हाथ और रफसंजानी के पेंट की जेब का कलर गुलाबी हो गया, जिस पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह कार अब्दुल इस्लाम की थी और ट्रेप की कार्रवाई इसी कार में हुई, इसलिए इस्लाम को भी गिरफ्तार कर लिया गया।