जयपुर

गुटबाजी के रंग ने नड्डा के स्वागत में घोली भंग, विधायक और विधायक प्रत्याशियों की बेरुखी से फीका रहा स्वागत समारोह

जयपुर। प्रदेश भाजपा में फैली गुटबाजी के कारण भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का स्वागत समारोह फीका रह गया। भाजपा हो या कांग्रेस सभी जगह कहा जा रहा है कि पूर्व में अमित शाह और नितिन गडकरी का जयपुर में जिस तरह का स्वागत हुआ था, वैसा भव्य स्वागत नड्डा का नहीं हो पाया। कार्यक्रम में न तो भाजपा के नेता मनोयोग से जुड़ पाए और न ही कार्यकर्ता। संगठन के स्तर पर जितना हो सकता था, वह किया गया, फिर भी अनुमान के मुताबिक भीड़ नहीं जुट पाई। युवा मोर्चा को 1500 मोटरसाइकिलों से रैली का टार्गेट दिया गया था लेकिन 500 से ज्यादा मोटरसाइकिल भी रैली में शामिल नहीं हुई।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा मे चल रही गुटबाजी के चलते कार्यक्रम फीका रहा। हालांकि नड्डा भाजपा नेताओं के मनभेद को मिटाने की भरसक कोशिश की लेकिन विभिन्न गुटों के प्रमुख नेताओं की भाव-भंगिमाओं से साफ हो रहा था कि न तो मनभेद मिट पाए और न ही मतभेद मिट पाए हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष का फीका स्वागत भविष्य में भाजपा के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है, क्योंकि प्रदेश की राजधानी में कार्यकर्ताओं का नहीं जुटना बहुत बड़ी बात है। भाजपा में कहा जा रहा है कि गुटबाजी के चलते शहर के विधायक और विधायक प्रत्याशियों की कार्यक्रम के प्रति बेरुखी इसका प्रमुख कारण है।

कार्यकर्ता असमंजस में
सूत्र कह रहे हैं कि गुटबाजी के चलते इस समय भाजपा कार्यकर्ता भारी असमंजस में है कि वे किस तरफ जाएं। पता नहीं कब कौन पॉवर में आ जाए और दूसरों से नाराजगी हो जाए। नेतृत्व ठीक नहीं मिल पाने और वरिष्ठ नेताओं के आपसी झगड़े के कारण कार्यकर्ता कुंठित हो चुका है। कार्यकर्ता सोचते हैं कि वे इतनी मेहनत करते हैं और ऊपर वाले झगड़ रहे हैं, तो फिर किसके लिए भीड़ लेकर जाएं। ऐसे में जयपुर जो भाजपा का गढ़ है, वहां कार्यकर्ताओं की बेरुखी बड़े खतरे का संकेत है।

नड्ढा की नसीहत : नेता वही जो सभी को साथ लेकर चले
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए नड्डा ने प्रदेश के नेताओं को नसीहत दी कि वे आत्मविश्लेषण करें कि पार्टी के लिए वह कितना योगदान दे रहे हैं। विभिन्न गुटों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि एकला चालो की नीति से कुछ नहीं होने वाला है, पार्टी के साथ चलें। नेता वही है जो सभी को साथ लेकर चले। सभी मिलकर पार्टी को मजबूत करने का काम करें। इस दौरान उन्होंने राजे और सतीश पूनियां के साथ हाथ जोड़कर कड़ी बनाते हुए एकजुटता का इजहार किया।

प्रदेश के नेताओं को दिए टास्क
इस दौरान उन्होंने प्रदेश के नेताओं को टास्क भी दिया और उसे पूरा करने की तारीख भी दे दी। उन्होंने टास्क दिया कि 6 अप्रेल को पार्टी के स्थापना दिवस तक सभी मंडलों को मजबूत किया जाना चाहिए। कोई बूथ ऐसा नहीं होना चाहिए जहां हमारी बूथ कमेटी नहीं हो।

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