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साल 2021 की होलिका के साथ कीजिये दुखों का भी दहन, जानिये होलिका दहन मुहूर्त और परेशानियों को दूर करने के उपाय

इस बार होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित करना शास्त्रोक्त बताया गया है।  इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा रविवार 28 मार्च 2012 ईस्वी को है, इस दिन भद्रा दोपहर बाद लगभग 1.55 तक है, अतः दिनांक 28 मार्च 2021 को होलिका दहन गोधूलि बेला में करना श्रेषयस्कर है। होलिका दहन भद्रा उपरांत संध्याकाल 6.38 से रात्रि 9 बजकर 13 मिनट तक श्रेष्ठ रहेगा

अरुण कुमार, ज्योतिषी

कैसे बनायें जीवन को सुखी, संपन्न और सरल

जीवन में मुसीबतें बिना किसी बुलावे के कब किसी के भी जीवन में प्रवेश कर जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता है। संसार में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने अपने जीवन में किसी कठिनाई का सामना नहीं हो। सवाल उठता है कि क्या ऐसे तरीके हैं जीवन में जो दैनंदिन समस्याओं के रहते हुए भी हम सुखी, संपन्न एवं सफल जीवन व्यतीत कर सकें। तो इस प्रश्न के जवाब में मेरा मानना है कि साल में कुछ विशिष्ट अवसर आते हैं, जिन पर कुछ विशिष्ट उपाय किये जाएं तो जीवन को सुखी, संपन्न और सफल जीवन की यात्रा कर सकते हैं। ऐसा ही एक अवसर आ रहा है हिन्दुओं का विशेष पर्व होली।

इस बार होली के मौके पर हम आपको कुछ छोटे-मोटे उपचार बताने जा रहे हैं जिनसे भगवान की कृपा पाकर हम अपनी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए समझ लें कि इस बार होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित करना शास्त्रोक्त बताया गया है।  इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा रविवार 28 मार्च 2012 ईस्वी को है, इस दिन भद्रा दोपहर बाद लगभग 1.55 तक है, अतः दिनांक 28 मार्च 2021 को होलिका दहन गोधूलि बेला में करना श्रेयस्कर है। होलिका दहन भद्रा उपरांत 6.38 से रात्रि 9 बज कर 13 मिनट तक श्रेष्ठ रहेगा

होलिका दहन और कुछ महत्वपूर्ण उपाय

होलिका दहन से पूर्व रात्रि को घर में गंगाजल का छिड़काव कर देना चाहिए। होलिका दहन वाले दिन सुबह जल्दी उठकर अपने नित्य कर्म से मुक्त होकर अपने पितरों का तर्पण कर तथा गाय को रोटी देनी चाहिए । सायंकाल भोजन से पूर्व अपने पितरों के निमित्त भोजन की एक थाली निकाल दें और परिवार के सभी सदस्य प्रसाद रूप में इस भोजन को जरूर लें। इसके अलावा होलिका दहन कार्यक्रम के लिए जाते समय एक नारियल, दो लौंग और कपूर को साथ लेकर जाएं।

इसके बाद इन तीनों चीजों को होलिका में अपनी मनवांछित इच्छा को बोलते हुए अर्पित करनी चाहिए। ध्यान रखें कि..

1. अगर आपके घर में संतान बीमार हो तो संतान के पूरे शरीर पर से इन तीनों चीजों को सात बार उतार (उसार) कर होलिका में चढ़ाएं।

2. अगर नौकरी में परेशानी हो तो एक कलावा ले जाएं होलिका को दिखाकर वहीं अपने हाथ में बांध लें।

3. अगर पति-पत्नी में झगड़ा या वाद-विवाद रहता हो तो कलावे को पति व पत्नी एक दूसरे के हाथ में बांधें। इससे दोनों में प्रेम में वृद्धि होने की संभावना बलवती हो जाएगी।

4. अगर आपको ऐसा महसूस हो कि आपके घर में कोई ऊपरी बाधा है और इससे परिवार के सदस्यों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ता हो तो उपरोक्त तीनों चीजों को अपने घर के मुख्य द्वार पर बाहर से सात बार उतार कर होलिका में चढ़ाएं।

5. अगर घर में किसी किस्म का वास्तु दोष हो तो होलिका की अग्नि लाकर उसकी भभूति में राई हवन सामग्री मिलाकर पूरे घर में धुआं करें।

यथाशक्ति उपचार

  1. होली वाले दिन किसी गुरु या मंदिर में पुजारी को पीला वस्त्र तथा पीली मिठाई दान दें। यह दान प्रातः काल करें।
  2. अपने किसी बड़े भाई को लाल या गुलाबी वस्त्र या चांदी का आभूषण या तांबे का पात्र दान दें।
  3.  किसी निकटतम रिश्ते में स्त्री को साड़ी दान दें। आपका शुक्र ग्रह मजबूत होगा। तुलसी जी के प्रातः काल सेवा करें।

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