नगर निगम जयपुर ग्रेटर की कार्यकारिणी समिति की बैठक का सोमवार को ग्रेटर मुख्यालय में आयोजन किया गया। बैठक काफी हंगामेदार रही और सभी समिति अध्यक्षों ने निगम आयुक्त को घेरने की कोशिश की। बैठक में पहले एजेंडे पर ही लंबी बहस हो गई। इस बीच आयुक्त ने कहा कि उनकी तबीयत खराब है। बैठक हो इसलिए वह तबियत खराब हेने के बावजूद आए, लेकिन अब बैठक लंबी हो रही है, ऐसे में वह ज्यादा देर तक नहीं बैठ पाएंगे। ऐसे में महापौर सौम्या गुर्जर ने सभी प्रस्तावों पर चर्चा हुए बिना ही बैठक को समाप्त कर दिया।
बैठक में प्रमुख रूप से विकास कार्यों, रोड लाइटों, ठेकेदारों को भुगतान करने और उनकी हड़ताल तुड़वाने के साथ-साथ बोर्ड बैठक में पास किए गए प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी। लाइसेंस समिति के अध्यक्ष रमेश सैनी ने बताया कि ठेकेदारों की हड़ताल तुड़वाने और रोड लाइटों पर चर्चा की गई। इसके बाद ग्रेटर क्षेत्र में विकास कार्यों पर चर्चा शुरू हुई, लेकिन आयुक्त की तबीयत खराब होने के कारण बैठक में दूसरे और तीसरे प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो पाई। आयुक्त से शेष प्रस्तावों पर चर्चा के लिए अगली बैठक बुलाने के लिए भी कहा गया, आयुक्त ने जवाब दिया कि वह दिन में वह अपनी जांच कराएंगे और बैठक के बारे में शाम को जवाब दे देंगे।
15 अप्रेल तक टूट जाएगी ठेकेदारों की हड़ताल
सैनी ने बताया कि आयुक्त ने बैठक में सभी को आश्वस्त किया है कि 15 अप्रेल तक सभी ठेकेदारों को भुगतान कर हड़ताल को तुड़वा दिया जाएगा। ठेकेदारों की हड़ताल को लेकर सभी चेयरमैन ने आयुक्त पर सवाल खड़े किए थे कि उन्होंने अपनी तरफ से ठेकेदारों की हड़ताल तुड़वाने के लिए क्या प्रयास किए। बैठक में आयुक्त ने आश्वस्त किया कि 10 अप्रेल तक हर वार्ड में 200-200 रोड लाइटें उपलब्ध करा दी जाएंगी।
आयुक्त ने प्रस्तावों पर हुई कार्रवाई का विवरण पेश किया
बैठक का अंतिम प्रस्ताव पिछली बोर्ड बैठक में पास हुए प्रस्तावों पर चर्चा का था, लेकिन इन पर चर्चा नहीं हो पाई। ऐसे में आयुत की ओर से महापौर और सभी चेयरमैनों को एक छपा हुआ विवरण पेश कर दिया गया, जिसमें सभी प्रस्तावों का बिन्दुवार विवरण और उनपर अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की गई थी।