जयपुर

कोविड संक्रमण चेन तोड़ने के लिए जयपुर में तेज होगा घर-घर सर्वे कार्य

कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए अब जयपुर जिला प्रशासन तेज गति से घर-घर सर्वे कराएगा। जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने जयपुर जिले में आईएलआई मरीजों का पता लगाने के लिए डोर टू डोर सर्वे तेज करने, ब्लॉक स्तर पर स्थापित कोविड कंसल्टेशन एवं केयर सेंटर के समुचित उपयोग, कोविड-19 के अलावा अन्य रोग से ग्रस्त लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने एवं अस्पतालों में कोविड मरीजों के साथ रुकने वाले अटैण्डेंट का भी आरटीपीसीआर कराने सहित कई निर्देश प्रदान दिए।

नेहरा ने प्राथमिकता समूहों में 45 वर्ष तक आयु वालों के लिए शिविर निर्धारित गाइडलाइन से ही लगाने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने मंगलवार, 11 मई को जिला कलक्ट्रेट में जिले के दोनों मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, डिप्टी सीएमएचओ एवं आरसीएचओ की बैठक लेकर यह निर्देश दिए।

नेहरा ने निर्देश दिए कि जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमित एवं आईएलआई, एसएआरआई रोगियों का पता लगाने के लिए एनएनएम, आशा सहयोगिनी एवं बीएलओ के माध्यम से किया जा रहा डोर टू डोर सर्वे कार्य कोरोना संक्रमण की शृंखला को तोड़ने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण गतिविधि है।

इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए टीमों की सख्या बढाएं क्योंकि एक चरण पूरा होने के बाद दूसरा चरण भी तुरन्त प्रारम्भ किया जाना है। आईएलआई का मरीज मिलते ही उसका उपचार तुरन्त प्रारम्भ कर दिया जाए और उसे पूर्व निर्धारित मेडिकल किट प्रदान किया जाए। इसके लिए दवाओं की कोई कमी नहीं है।

यह दल घर-घर सर्वे एवं आवश्यक दवाएं देने के साथ ही प्रोनिंग का प्रशिक्षण भी प्रदान करे। किसी भी व्यक्ति में कोविड 19 संक्रमण, आईएलआई या एसएआरआई के लक्षण दिखाई देने पर ऐसे मरीज को एनएनएम द्वारा तत्काल दवा दी जाए एवं परामर्श के लिए निकट के कोविड कंसल्टेशन एण्ड केयर सेंटर पर जाने के लिए प्रेरित किया जाए। गंभीर रोगी मिले तो ग्रामीण क्षेत्र में कोविड कंसल्टेशन एवं केयर सेंटर में एवं शहरी क्षेत्र में निकटस्थ चिकित्सा संस्थान पर उसे भिजवाया जाए। चार से पांच दलों के बीच एक वाहन की व्यवस्था हो जो स्क्रीनिंग के दौरान उपयुक्त पाए गए लोगों को चिकित्सा संस्थानों तक पहुंचाए।

नेहरा ने निर्देश दिए कि कोविड का उपचार एवं रेफरल सेवाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से हर खण्ड में खोले गए कोविड कंसल्टेशन एण्ड केयर सेंटर पर बैनर लगाकर इसकी सूचना दी जाए, पर्याप्त संख्या में चिकित्सक, नर्सिंग एवं मेडिकल स्टाफ लगाए जाएं एवं यहां सामान्य ओपीडी एवं आईपीडी के अलावा कोविड मरीजों के लिए अलग से ओपीडी की सुविधा रखी जाए।

कुल उपलब्ध बेड क्षमता का 50 प्रतिशत पृथक वार्ड बनाकर कोविड मरीजों को आईपीडी सुविधा भी दी जाए। इन सेंटर्स के पास स्थित समाज कल्याण विभाग के छात्रावास एवं विभाग द्वारा निर्मित धर्मशालाओं को भी कोविड केयर सेंटर के रूप में काम लिया जाये। कोविड के संदिग्ध मरीज, आईएलआई, एसएआरआई के मरीज आने पर उनकी कोविड जांच कराई जाये एवं जांच का परिणाम आने तक आवश्यक दवा देते हुए होम या कोविड केयर सेंटर पर आइसोलेट किया जाए।

जिले में सभी कोरोना संक्रमण के हॉट स्पॉट, प्रभावित क्षेत्र तथा गामीण क्षेत्र में कोविड के अलावा अन्य बीमारियों जैसे किडनी हाईपरटेंशन, डायबिटीज, खांसी जुकाम, बुखार आदि के मरीजों तथा गर्भवती महिलाओं को उनके निवास के नजदीक मोबाइल ओपीडी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट, वैन या बेस एम्बुलेंस चलाएं। इसमें समुचित चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग, पैरा मैडिकल स्टाफ एवं जिला चिकित्सालय स्तरीय औषधियां एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तरीय जांच सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

नेहरा ने निर्देश दिए कि कोविड संक्रमित मरीज के साथ उनके परिवार या रिश्तेदार में से एक समय पर किसी एक परिजन को ही अटैंडेण्ट के रूप में सभी निर्धारित सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित कर रहने की अनुमति दी जाये। अस्पताल में ही उसे दवाई का किट उपलब्ध कराया जाये एवं उसका पूरा नाम, पता, मोबाइल नंबर लिया जाए। संक्रमित मरीज के डिस्चार्ज होने पर अटैंडेण्ट का भी आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाए।

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