जयपुरताज़ा समाचार

अपने चेहरे और आंखों को म्यूकोरमाईकोसिस/ ब्लैक फंगस (Black Fungus) की बुरी नजर से बचाएं, घबराएं नहीं, तार्किकता के साथ सोचें, शांत और सकारात्मक रहें

हमें सतर्क रहना ही होगा

लेखकः-1) डॉ. सोनई मुखर्जी, सीनियर कंसल्टेंट, आनंद आई हॉस्पिटल

बीते डेढ़ वर्ष से हम कोविड-19 महामारी से संघर्ष कर रहे हैं और सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ अपने घरों में स्वच्छता के सभी संभव उपाय कर रहे हैं और कोरोना को लेकर सावधानियां बरत रहे हैं। देश, हमारे कोविड योद्धा और सरकार कोरोना से निपटने को लेकर पूरी ताकत से संघर्षरत हैं। ऐसे में भी कई बार लगता है कि कोरोना के विरुद्ध हम जंग हार रहे हैं किंतु इसके साथ हि कई बार हमें आशा की किरण भी दिखाई देती है।

कोई अस्पताल में भर्ती हो या ना हो, उन सभी के लिए कोरोना के विरुद्ध जंग में  इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रोटोकॉल की अनुपालना की जा रही है। फिर भी नई-नई परेशानियां आ खड़ी होती हैं और वर्तमान परेशानी है, ब्लैक फंगस (BLACK FUNGUS) यानी म्यूकोरमाईकोसिस (MUCORMYCOSIS) की।

लेखकः- 2) डॉ. सोनू गोयल, निदेशक आनंद आई हॉस्पिटल

म्यूकोरमाईकोसिस को कई राज्यों सहित राजस्थान में भी महामारी घोषित कर दिया गया है। राजस्थान में अब तक इस महामारी से 750 लोग पीड़ित हैं और जयपुर में 100 से अधिक लोग इस महामारी के मरीज हैं। विभिन्न प्रकार के समाचार मीडिया में इस ब्लैक फंगस को लेकर जिस प्रकार के समाचार प्रकाशित हो रहे हैं, उससे आमजन में भ्रम और चिंता की स्थिति बना दी है।

हकीकत में यह एक फंगस है या कहें कि म्यूकोरमाईकोसिस समूह, फफूंद का झुण्ड है जो हमारे वातावरण में पहले से ही विद्यमान है। उदाहण के तौर पर यह बासी या सड़ती रोटी, एयरकंडीशनर के डक्ट्स आदि में मिल जाती है जो हमारे नासिका द्वार से घुसकर साइनसेज, नाक, दांत में फंगल इन्फेक्शन का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त बुरी स्थिति तो यह है कि यह फंगल इन्फेक्शन हमारी आंख और यहां तक कि मस्तिष्क में भी हो सकता है।  

किन लोगों को जोखिम अधिक हैः-

  1. कोविड-19 के मरीज, जो इस महामारी से ठीक हो रहे हैं और दो सप्ताह पहले ही ठीक हुए मरीज।
  2. डायबिटीज या मधुमेह के ऐसे मरीज जिनका शुगर स्तर अनियंत्रित यानी 200 एमजी/डीएल से अधिक रहता है।
  3. ऐसे लोग जिन्हें स्टेरॉएड्स या जिन्हें शरीर की प्रतिरोधक क्षमता नियंत्रण के लिए टोसिलिजुमैब (Tocilizumab) दवा दी गई हो।
  4. जो अस्पताल में भर्ती रहे हों।
  5. जिन्हें किसी मशीन द्वारा ऑक्सीजन दी गई हो।
  6. कैंसर पीड़ित, जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ है और जो ऑटो इम्यून बीमारी से पीड़ित हों।

चिंताजनक लक्षणः-  

  • आंखें

आंखों के आसपास दर्द और सूजन

गुहेरी या किसी अन्य कारण से पलक झपकाने में दर्द

नेत्र गोलक का उभर कर बड़ा हो जाना (protrusion of eye ball)

दोनों या किसी एक आंख से दिखने में परेशानी

आंखों को घुमाने में परेशानी होना

  • सामान्य शारीरिक लक्षण

निरंतर सिरदर्द और चेहरे पर दर्द होना

नाक का सूखा होना

दांत में दर्द या दांतों का हिलना

ऊपर वाले जबड़े या त्वचा का रंग बदलना या उसमें कालापन होना

दुर्गंध का अहसास रहना

चेहरे और नाक पर सुन्नता लगना

ऐसे बचा जा सकता है म्यूकोरमाईकोसिस (ब्लैक फंगस ) से

बीटाडीन सॉल्युशन के साथ गरारे करें

डायबिटीज पर कड़ा नियंत्रण रखें

डॉक्टर (फिजिशियन) के निर्देशन में ही स्टेरॉएड्स का जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जाये

सावधानी और पूर्व पहचान

  • आंखों की जांच
  • नाक की एंडोस्कोपी

इन लक्षणों में घबरायें नहीं

  • आंखों में हल्का लालामीपन/ मौसमी बदलाव या साधारण एलर्जी
  • आंख में लाल धब्बा दिखना जो सबकन्जंक्टिवल हेमरेज के कारण हो
  • आंखों में खुजली या हल्की सूजन हो
  • आंखों के आगे काले धब्बे सी आकृति घूमती दिखना

हमें इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि म्यूकोरमाईकोसिस (ब्लैक फंगस) बेहद आक्रामक प्रकृति वाला संक्रमण है और इसकी जल्द से जल्द पहचान हो जाए तो श्रेस्कर होता है। परेशानी के किसी भी लक्षण के दिखने पर  जल्द से जल्द ईएनटी चिकित्सक, जबड़े, चेहरे और आंखों के विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए। और सबसे बड़ी व महत्वपूर्ण बात यह है कि हमेशा सकारात्मक बने रहें.. घर रहें, स्वस्थ रहें और अपने आसपास स्वच्छता बनाये रखें।

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