केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के बीच मंगलवार, 1 जून की शाम हुई बैठक के बाद तय किया गया है कि वर्ष 2021 के लिए 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं अब नहीं होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह फैसला हुआ। इसी तर्ज पर राजस्थान बोर्ड की 12वीं परीक्षाएं भी कैंसिल हो सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि 12वीं के विद्यार्थी और उनके अभिभावक इस मामले में सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर रहे थे। इसके अलावा देश के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है और पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार को न्यायालय ने आदेश दिया था कि यदि बीते वर्ष की तरह परीक्षा रद्द नहीं करने का फैसला किया जाता है तो इसका उचित कारण बताना होगा। लेकिन, देर शाम तक चली बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विद्यार्थियों के हित यह फैसला लिया गया है वर्ष 2021 की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द की जाएंगी।
राजस्थान में भी 12वीं बोर्ड की परीक्षा पर फैसला 2 जून को केबिनेट बैठक में
उधर, राजस्थान में बुधवार, 2 जून 2021 को केबिनेट की बैठक बुलाई गयी है जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसलों पर निर्णय लिये जाने हैं। संभावना है कि इसी बैठक में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरह ही राजस्थान बोर्ड की 12वीं परीक्षाएं को भी रद्द करने पर फैसला किया जाए। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इसी ओर संकेत दिया है और कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा कर इस बारे में फैसला किया जायेगा।
विद्यार्थियों का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकताः पीएम मोदी
सीबीएसई में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के फैसले के संदर्भ में पीएम मोदी (PM Modi) का कहना था, ‘विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा पहली प्राथमिकता है, जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थी, उनके अभिभावक और शिक्षकों में जो तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, उसे खत्म करना चाहिए। सभी भागीदारों के इस मामले में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘कोविड के हालात अस्थिर हैं।
देश के कुछ राज्यों में जहां माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण का दर कम हो रहा है, वहीं कुछ जगहों पर अब भी लॉकडाउन लगा है। ऐसी परिस्थिति में पैरेंट्स, टीचर्स और स्टूडेंट्स खुद भी स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में स्टूडेंट्स पर बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का दबाव नहीं डालना चाहिए।’
उचित क्राइटेरिया तय कर होगी मार्किंग
केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्पष्ट किया कि समय के अनुसार उचित क्राइटेरिया तैयार कर उसके अनुसार ही मार्किंग की जाएगी और परीक्षा परिणाम तैयार किया जायेगा। पिछली बार की तरह ही विद्यार्थियों परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा। जो विद्यार्थी अपने प्राप्तांकों से संतुष्ट नहीं होंगे, उनके पास बाद में परीक्षा देने का विकल्प भी रहेगा।