जमीन आवंटन की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए जयपुर के मालवीय नगर इलाके में स्थित जयपुर स्टॉक एक्सचेंज (जेएसई) की जमीन बुधवार, 16 जून को जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने वापस ले ली। जिस जमीन पर जेएसई की इमारत है, उसमें करीब विभिन्न कंपनियों के 100 ऑफिस हैं, उन्हें भी जेडीए ने उन्हें बंद करवा दिया। इस इमारत में ज्यादातर दफ्तर शेयर बाजारों के दलालों व चार्टेड अकाउंटेट्स कंपनियों के है। जेडीए ने इस इमारत में संचालित केवल आईसीआईसीआई बैंक के कार्यालय को ही चालू रखने का मौका दिया है।
जेडीए जोन संख्या एक के तहसीलदार पवन कुमार का कहना है कि जेएसई को जिस काम के लिए जमीन का आवंटन किया गया था, उस काम के लिए इस जमीन और इमारत का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा द सीक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने यहां कार्यरत रीजनल स्टॉक एक्सचेंज (स्थानीय स्तर पर जेएसई) को भी बंद कर दिया। इसके बावजूद जेएसई प्रबंधन ने जेडीए और सरकार की इजाजत लिये बिना ही यहां निर्मित ऑफिस को बेच दिया। ऐसा करना जेएसई को आवंटित जमीन की शर्तों के विरुद्ध है और इसी कारण ये ऑफिस इमारत सील करते हुए जेडीए ने इसका कब्जा लिया है।
उल्लेखनीय है कि जेडीए ने वर्ष 1992 में जेएसई को यह जमीन 2400 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की रियायती दर दर से उपलब्ध करायी थी। करीब 12,460 वर्गमीटर वाली इस जमीन पर जेएसई कार्य संचालन पांच मंजिल की इमारत निर्मित की गयी थी। इस इमारत में करीब 300 कंपनियों ने अपने ऑफिस बनाये जिसमें जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा खाली पड़े हैं। जेएसई प्रबंधन ने इनमें से कुछ कंपनियों के लिए दफ्तर के स्थानों को रजिस्ट्री के माध्यम से बेच भी दिया जो जेडीए की जमीन आवंटन शर्तों के विरुद्ध था।
जेडीए की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जेएसई इमारत में आईसीआईसीआई बैंक के कार्यालय को इसलिए बंद नहीं करवाया गया क्योंकि जेएसई को जमीन आवंटन की शर्त में बैंकिंग गतिविधियों के लिए स्थान उपलब्ध कराना शामिल था। बैंक यहां पर 1.19 लाख वर्गफीट क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है।