भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार,16 जून को चौमूं, जालौर और सवाईमाधोपुर में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पहली कार्रवाई चौमूं के आबकारी थाने में की गई और प्रहराधिकारी सुमेर सिंह और कांस्टेबल अंगद सिंह को परिवादी से 3100 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
परिवादी से 10 हजार रुपए की रिश्वत उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम में दर्ज प्रकरण में कार्रवाई हल्की करने के एवज में मांगी जा रही थी। एसीबी की देहात इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरोत्तम लाल वर्मा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराया गया और ट्रेप की कार्रवाई आयोजित कर सुमेर सिंह और अंगद सिंह को 3100 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सुमेर सिंह ने बताया कि वह पूर्व में परिवादी से 6900 रुपए की रिश्वत वसूल चुके हैं।
एसीबी की जालोर इकाई द्वारा दूसरी कार्रवाई जालोर के सेड़वा तहसील के हल्का सरूपे का तला के पटवारी गिरीश कुमार के खिलाफ की गई और उसे 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। गिरीश ने यह रिश्वत परिवादी से कृषि भूमि का नामांतरण उसके नाम खोलने के एवज में मांगी गई थी।
जालोर इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर सिंह राणावत के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक राजेंद्र सिंह ने शिकायत का सत्यापन कर ट्रेप आयोजित करते हुए गिरीश को रिश्वत की रकम प्राप्त करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
तीसरी कार्रवाई सवाई माधोपुर में की गई। सवाईमाधोपुर इकाई की ओर से सीजीएसटी के निरीक्षक वरुण जैन को परिवादी से रिश्वत के 10 हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि परिवादी ने उसकी दुकान का निरीक्षण करने के एवज में तिमाही और छमाही की बंधी के रूप में 10 हजार रुपए मांग कर वरुण की ओर से परेशान किया जा रहा है।
सवाई माधोपुर इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कर ट्रेप की कार्रवाई की गई और वरुण को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इस प्रकरण में सीजीएसटी के अधीक्षक गोविंद पाराशर की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिसके चलते पाराशर की भूमिका को भी एसीबी की ओर से जांचा जा रहा है।