राजस्थान में एक वर्ष में 12 हजार करोड़ रुप सालाना की वैडिंग कारोबार (Wedding Trade) कोरोना महामारी के कारण होटल इंडस्ट्री की तरफ शिफ्ट होने लगा है। इसे देख वैडिंग कारोबार से जुड़े व्यापारी इन दिनों भड़के हुए हैं और सरकार से नाराज चल रहे हैं। उनका कहना है कि यदि राजस्थान सरकार ने अपनी गलत नीतियों को नहीं बदला तो प्रदेश में लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इसी को लेकर वेडिंग कारोबार से जुड़ेे विभिन्न एसोसिएशनों ने मंगलवार को जयपुर के कलेक्ट्री सर्किल पर प्रदर्शन कर सरकार की नीतियों का विरोध किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
वेडिंग इंडस्ट्रीज फेडरेशन, राजस्थान के महामंत्री भवानीशंकर माली का कहना है कि सरकार की ओर से मैरिज गार्डनों में होने वाली शादियों में मेहमानों की संख्या 10, 20 या 50 तक निर्धारित की जा रही है। मैरिज गार्डनों में शादी संपन्न करने का समय 4 बजे तक निर्धारित किया गया है। निकासी और बारातों पर रोक है, जिससे खुशी और उल्लास की प्रतीक शादियां सिर्फ औपचारिकता भर रह गई है।
मेहमानों की इतनी कम संख्या होने के कारण शादी समारोह आयोजक होटलों की तरफ शिफ्ट होने लगा है, क्योंकि उसके मन में यही बात रहती है कि इतने कम लोगों के लिए क्यों मैरिज गार्डन बुक किया जाए, निकासी बारात नहीं होगी तो क्यों बैंड किया जाए? फ्लावर डेकोरेशन, लाइटिंग और डीजे की बात तो बहुत दूर है। ऐसे में वह होटलों में शादी आयोजित करने को तरजीह देने लगा है।
माली का कहना है कि गत वर्ष भी गर्मियों में आयोजित होने वाले शादी समारोहों के दौरान मैरिज गार्डन वीरान पड़े रहे और शादियां होटलों में हुई। इस बार भी वही स्थिति बनी और अप्रेल व मई की शादियों में राजस्थान की वैडिंग इंडस्ट्री को करीब 4500 करोड़ रुपए का फटका लग गया। ऐसा ही चलता रहा तो यह बड़ा कारोबार होटल इंडस्ट्री की तरफ शिफ्ट हो जाएगा, जिससे प्रदेश में लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। दूसरी ओर कोरोना संक्रमण का असर होटल इंडस्ट्री पर भी पड़ा है। इसलिए होटल इंडस्ट्री भी होटलों में आयोजित होने वाले शादी समारोहों में भारी छूट देकर वेडिंग कारोबार को हड़पने के जुगाड़ में है।
वेडिंग कारोबारी हाल ही में सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को शक की निगाह से देख रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार ने आर्थिक एवं पर्यटन, फिल्म शूटिंग गतिविधियों के लिए जो आइसोलेशन कॉन्सेप्ट तैयार किया है, वह कहीं वेडिंग इंडस्ट्री को होटल इंडस्ट्री में शिफ्ट करने की बैकडोर एंट्री तो नहीं है, जिसमें 10 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल और 40 या इससे अधिक कमरों की व्यवस्था वाले रिसोर्ट में गतिविधियों की अनुमति दी गई है। इसमें एक क्लॉज यह भी दिया गया है कि समस्त अतिथियों को रिसोर्ट में एक बार प्रवेश के बाद समारोह खत्म होने तक बाहर घूमना अनुमत नहीं होगा। इस क्लॉज पर वैडिंग कारोबारी शक जता रहे हैं कि यह समारोह क्या है। इस समय पर्यटन और शूटिंग दोनों ठप्प पड़े हैं, तो फिर समारोह क्या होगा। कहीं यह बड़े होटल और रिसोर्ट में शादियां आयोजित करने की गली तो नहीं है?
शादियों में 200 लोगों की अनुमति दी जाए
आल वैडिंग इंडस्ट्रीज फेडरेशन राजस्थान के नेतृत्व में वैडिंग इंडस्ट्रीज के व्यापारियों ने सरकार से शादियों के आयोजन में व्यक्तियों की छूट बढ़ाने और अनलॉक-3 की जारी गाइड लाइन में विसंगतियों के विरोध में प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कारोबारियों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी कि ‘हमारी भी सुने सरकार, हम हो गए बेरोजगार’,’वैडिंग इंडस्ट्री को जीवनदान दो, होटल नीति विवाह स्थल में लागू करो।’ इस मौके पर जयपुर टेंट डीलर समिति, जयपुर कैटरिंग डीलर समिति, जयपुर हलवाई कल्याण समिति, जयपुर बैंड एसोसिएशन ,जयपुर फ्लावर डेकोरेटर समिति, पिंक सिटी जनरेटर ऑपरेटर समिति, डीजे साउंड समिति, जयपुर लाइट डेकोरेटर समिति, आर्केस्ट्रा एसोसिएशन, के व्यापारी शामिल हुए।
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल ने बताया कि 20 जुलाई तक ही शादियों के मुहूर्त है उसके बाद 4 महीने तक देव सो जाएंगे ऐसे में हमारी वेटिंग इंडस्ट्रीज के व्यापारियों का व्यापार चौपट हो गया सरकार को ज्ञापन में दी गई मांगों पर तुरंत फैसला लेकर व्यापारियों को राहत दे और शादियों में मेहमानों की अनुमत संख्या को मैरिज गार्डन के क्षेत्रफल के आधार पर तय किया जाए।
फेडरेशन के कोषाध्यक्ष विवेक गुप्ता ने कहा कि वेडिंग इंडस्ट्री के व्यापारी पिछले लोक डाउन से ही आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं और अब तो स्थिति बहुत ही विकट हो गई। प्रदेश में 5 लाख व्यापारी बर्बादी की कगार पर है सरकार शादियों में 200 लोगों की छूट प्रदान कर व्यापारियों को जीवन दान दे।
ज्ञापन की मुख्य मांगे
-शादी में 25 लोगों की संख्या बढ़ाकर विवाह स्थल के क्षेत्रफल के हिसाब से या 200 मेहमानों की अनुमति दी जाए।
-गाइडलाइन के अनुसार समय सीमा 4:00 बजे से बढ़ाकर रात्रि 10:00 बजे तक की जाए।
-निकासी और बारात मैं बैंड बजाने की अनुमति दी जाए।
-शादियों में डीजे और साउंड बजाने की अनुमति दी जाए।