जयपुर। परकोटा शहर, सी-स्कीम, करतारपुरा (Kartarpura) और गोपालपुरा बाइपास से बहते हुए दृव्यवती नदी में गिरने वाले गंदे नाले (sewerage) का दृव्यवती नदी की तर्ज पर विकास करने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए सरकार ने सर्वे कराकर पूरी योजना तैयार कर रखी है, लेकिन अभी तक यह फैसला नहीं हो पाया है कि इसपर बजट कौन खर्च करेगा। जानकारी के अनुसार करतारपुरा नाले की समस्याओं के स्थाई निराकरण (permanent solution) के लिए फिर से प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। नाले की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास विभाग कुंजीलाल मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक आयोजित होगी, जिसमें जेडीए, नगर निगम ग्रेटर और स्मार्ट सिटी के अधिकारी भी भाग लेंगे।
जानकारी के अनुसार बैठक में नाले की सफाई, पानी के जमाव को रोकना, करतारपुरा के आगे नाले की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाना, नाले में गिरने वाली सीवर लाइनों को बंद करना, नाले की चौड़ाइकरण का काम समेत करतारपुरा से गोपालपुरा तक नाले के कच्चे हिस्से को पक्का करना जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। कहा जा रहा है कि गंदे नाले के विकास का कार्य स्मार्ट सिटी परियोजना के फंड से कराए जाने के प्रयास चल रहे हैं। इसी लिए स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को भी बैठक में बुलाया गया है।
स्मार्ट सिटी पहले खड़े कर चुकी हाथ
स्मार्ट सिटी अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में भी गंदे नाले के विकास का कार्य स्मार्ट सिटी के फंड से कराने की योजनाएं तैयार की गई थी, लेकिन उस समय स्मार्ट सिटी ने यह काम उनके क्षेत्र से बाहर का बताकर करने से साफ इन्कार कर दिया था। यह काम नगर निगम या जेडीए ही करा सकता है। अब यदि बैठक में फिर से चर्चा होती है, तो हम उसपर फिर से विचार करेंगे।
1981 की बाढ़ के बाद पक्का हुआ था नाला
जानकारी के अनुसार 1981 में जयपुर में आई बाढ़ के बाद एमआई रोड़ से लेकर करतारपुरा तक गंदे नाले को पक्का करने का काम किया गया था। उस दौरान करतारपुरा से गोपालपुरा तक यह नाला कच्चा ही रहा। अब इस 4.8 किलोमीटर कच्चे नाले को पक्का करने की योजना तैयार हो चुकी है। कहा जा रहा है नाले के समस्याओं के निराकरण के लिए इसपर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करना प्रस्तावित है। इस दौरान नाले की नीची पुलियाओं को भी ऊंची किया जाएगा। नाले में आने वाले सीवर के पानी को रोकने के लिए एसटीपी प्लांट बनाया जाएगा।
उच्च न्यायालय की भी नजर
उल्लेखनीय है कि गंदे नाले के संबंध में राजेंद्र प्रसाद शर्मा की जनहित याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी 2020 में करतारपुरा नाले के संरक्षण के लिए किए जा रहे काम बताने के साथ ही यह पूछा था कि नाले का कौनसा काम कब पूरा कर लिया जाएगा। इसी क्रम में यह बैठक आयोजित की जा रही है।