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सफाई कर्मचारियों (cleanliness workers) की मांगों के समर्थन में सांसद ( MP) किरोड़ीलाल मीणा धरने पर बैठे, समर्थकों ने टोंक रोड (Tonk Road) जाम किया, आश्वासन मिलने पर धरना खत्म

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में हंगामों का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। महापौर के निलंबन, महापौर पति के ऑडियो-वीडियो वायरल होने, भाजपा पार्षद के पार्टी की रजामंदी के बिना महापौर पद ग्रहण करने के बाद अब कर्मचारी यूनियन की राजनीति शुरू हो गई है। शुक्रवार को सफाई कर्मचारियों (cleanliness workers) की मांगों को लेकर भाजपा सांसद (MP) किरोड़ी लाल मीणा नगर निगम मुख्यालय के सामने धरने पर बैठ गए।

इस दौरान उनके समर्थकों और सफाई कर्मचारियों की भीड़ ने शहर के सबसे व्यस्त मार्ग टोंक रोड (Tonk Road) को जाम कर दिया। करीब एक घंटे तक समर्थकों का सड़क पर कब्जा रहा। प्रदर्शन में नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज के करीब 200 से ज्यादा सफाईकर्मी हाथों में झाडू लेकर शामिल हुए और उन्होंने निगम प्रशासन और कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इनमें महिला सफाईकर्मी भी शामिल रही।

प्रदर्शन शुरू होने से पहले मीणा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए रोड जाम नहीं करने और शांतिपूर्वक मार्च निकालने की अपील की, लेकिन कुछ देर बाद ही सांसद प्रदर्शनकारियों के साथ रैली निकालते हुए टोंक रोड पर पहुंचे तो धरने पर बैठ गए। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि हर हाल में चुनाव करवाने पड़ेंगे, ये कर्मचारियों का हक है। टोंक रोड जाम होते ही प्रशासन सकते में आ गया और नगर मुख्यालय से अतिरिक्त आयुक्त बृजेश चांदोलिया खुद धरना स्थल पर आए और सांसद से समझाइश की। सांसद डीएलबी डायरेक्टर और नगर निगम आयुक्त को मौके पर बुलाने की बात पर अड़ गए।

सड़क जाम होने के कारण यातायात को डायवर्ट करना पड़ गया। इस दौरान निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने आए लोगों को भी मुख्यालय में नहीं जाने दिया गया। इस दौरान पुलिस फोर्स ने निगम मुख्यालय को अपने घेरे में लेकर छावनी में तब्दील कर रखा था। पुलिस के साथ स्पेशल टास्क फोर्स और महिला पुलिसकर्मियों को भी तैनात रखा गया। मुख्यालय के दोनों दरवाजे बंद कर दिए गए।

यह प्रदर्शन वर्ष 2018 में हुई सफाईकर्मियों की भर्ती में शेष रहे सफाईकर्मचारियों के फिक्सेशन, बकाया एरियर और सफाईकर्मचारियों की यूनियन के चुनाव की मांगों के साथ किया गया था। एक दिन पूर्व ही सफाईकर्मचारियों का एक गुट सांसद से मिलकर इस मामले में दखल की गुजारिश करके आया था।

मीणा से पुलिस के अधिकारियों ने भी बात की और समझाइश की। डीएलबी डायरेक्टर बातचीत के लिए नगर निगम मुख्यालय पहुंच गए। इसके बाद मीणा ने 11 सदस्यों के साथ नगर निगम मुख्यालय में डीएलबी डायरेक्टर से मुलाकात करने पहुंचे। निदेशक ने एक माह में फिक्सेशन करने, बकाया एरियर देने और चुनाव करवाने के मामले में कोई न कोई समाधान निकालने का आश्वासन दिया। इसके बाद यह गतिरोध खत्म हुआ और सड़क पर यातायात शुरू हो पाया।

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