दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर निगम ग्रेटर में कार्यरत शहरी आजीविका केंद्र (urban livelihood center) अब शहरी गरीब महिलाओं द्वारा बनाई गई राखियों (Rakhi) की मार्केटिंग (marketing) करेगा।
शहरी आजीविका मिशन के तहत जयपुर में इस केंद्र की ओर से शहर के लगभग सभी हिस्सों में शहरी गरीब महिला स्वयं सहायता समूह (self help groups) बनाए गए थे। लंबे समय से यह समूह विभिन्न प्रकार के उत्पदों का निर्माण कर रहे हैं। इनमें से तीन समूह राखी निर्माण का भी कार्य कर रहे हैं।
राजधानी के करतारपुर की नीलू SHG, प्रिया SHG और माया क्रियेशन की ओर से कई वर्षों से राखी निर्माण का कार्य किया जा रहा था। इन समूहों की महिलाएं अन्य कार्यों के साथ-साथ सालभर राखी निर्माण का भी कार्य करती हैं, लेकिन उनकी राखियों को न तो मार्केट मिल पा रहा था और न ही उनकी मेहनत का पूरा पैसा उन्हें मिल पा रहा था।
शहरी आजीविका केंद्र (SHG) के प्रबंधक संजीव वर्मा ने बताया कि कुछ समय पूर्व इन समूहों ने इसकी जानकारी केंद्र को दी। ऐसे में अब केंद्र ने इनकी बनाई राखियों के मार्केटिंग का जिम्मा संभाला है। केंद्र की ओर से इनकी राखियों की ऑनलाइन व ऑफलाइन बिक्री के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र की ओर शुरूआत में इन समूहों को 10 हजार रुपए की राखियों का आर्डर भी दिया गया है।
वर्मा ने बताया कि इस सप्ताह के अंत में केंद्र की ओर से शहर के सभी थोक राखी विक्रेताओं को बुलाया गया है। थोक विक्रेताओं के सामने समूहों द्वारा बनाई गई राखियों का प्रदर्शन किया जाएगा और उन्हें इन महिलाओं द्वारा बनाई गई राखियों के विक्रय के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके बाद अन्य जिलों के थोक राखी विक्रेताओं को भी बुलाकर प्रोत्साहित किया जाएगा।