न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून (MSP Law) नहीं होने के कारण किसानों को फसलों के कम दाम प्राप्त होते आ रहें हैं। अखिल भारतीय किसान पंचायत का कहना है कि देश के किसानों को बाजरा पर 100ृ रुपये, चने पर 1200 रुपये, मूंग पर 1800 रुपये और गेहूं पर 300 रुपये प्रति क्विटंल का घाटा उठाना पड़ रहा है। यही वजह है कि किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। इतना नहीं कुछ किसानों को को कर्ज नहीं चुकाने के कारण अपनी जीवनलीला समाप्त करने को बाध्य होना पड़ रहा है।
किसान पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि किसानों को इस आर्थिक संकट से मुक्ति के लिए दिल्ली में जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करना था। इस सत्याग्रह को शुरू करने के लिए स्थान की अनुमति मांगी परन्तु दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक भी स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया। इस तरह किसानों को अपनी व्यथा प्रकट करने से वंचित किया जा रहा है।
शनिवार, 17 जुलाई को किसानों की ओर से अखिल भारतीय किसान पंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में नई दिल्ली के पटेल चौक पर नारेबाजी कर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया गया किंतु दिल्ली पुलिस ने किसानों को वहां से भी खदेड़ दिया। आज, 18 जुलाई को आंदोलन के 14 वें दिन भी रामपाल जाट, राजस्थान में किसान पंचायत के अध्यक्ष मुसुद्दीलाल यादव, प्रदेश मंत्री बत्ती लाल बैरवा, हाथ-पैरों से लाचार स्वामी इन्द्रर नेहरा , टोंक जिला उपाध्यक्ष गोपीलाल जाट, प्रदेशाध्यक्ष युवा किसान महापंचायत रामेश्वर प्रसाद चौधरी, दूदू से हरजीराम घटाला आदि ने प्रदर्शन किया किंतु पुलिस ने उन्हें अभिरक्षा में लेकर पुलिस थाना संसद में निरूद्ध किया है।