जयपुर

घर-घर औषधि योजना (Door to Door Medicinal Plants Scheme) के तहत 7 दिनों में ही राजस्थान (Rajasthan) के साढ़े चार लाख परिवारों तक पहुंचे औषधीय पौधे (Medicinal Plants)

घर-घर औषधि योजना (Door to Door Medicinal Plants Scheme) के प्रति राजस्थान (Rajasthan) वासियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। योजना के शुरुआती 7 दिनों में प्रदेश के साढ़े चार लाख से अधिक परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंच गए हैं। बारिश होने के बाद औषधीय पौधों (Medicinal Plants) के साथ-साथ अन्य वृक्षों के रोपण में तेजी आई है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने बताया कि 1 अगस्त को मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर गिलोय का पौधा लगाते हुए घर-घर औषधि योजना की शुरुआत की थी। इसके बाद से प्रदेशभर में घर-घर औषधि योजना के तहत चार प्रजातियों तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के दो-दो औषधीय पौधों का वितरण आरंभ कर दिया गया। प्रत्येक जिले में वन विभाग द्वारा जिला टास्क फोर्स व अन्य राजकीय विभागों के सहयोग से परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंचाए जा रहे हैं। प्रत्येक परिवार को किट के रूप में 8 औषधीय पौधे दिए जा रहे हैं। साथ ही परिवारों को इन औषधीय पौधों के रख-रखाव, उपयोग और महत्व की जानकारी देने वाली प्रचार सामग्री भी उपलब्ध करवाई जा रही है।

डॉ. पाण्डेय ने बताया कि शहर, तहसील और गांव-ढाणियों तक प्रभावी इस जन अभियान के पहले सात दिनों में प्रदेशभर में साढ़े चार लाख से अधिक परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंच गए हैं। बारिश आने के साथ ही औषधीय पौधों के प्रति लोग आकर्षित होकर इन्हें अपने घर-आंगन में उगा भी रहे हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में निर्धारित योजना के अनुसार औषधीय पौधे वितरित किए जा रहे हैं। इस वर्ष वितरण का पहला चरण जुलाई तथा दूसरा चरण अक्टूबर में संपन्न किया जाएगा। पांच वर्षीय योजना के तहत पहले वर्ष में प्रदेश के आधे परिवारों को औषधीय पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। शेष परिवारों में अगले वर्ष औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे। कुल मिलाकर पांच वर्षों में तीन बार प्रत्येक परिवार को चौबीस पौधे दिए जाएंगे। वैद्यों की सलाह पर औषधीय पौधों के उपयोग से प्रदेशवासी अपनी और अपने परिवार की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करते हुए स्वस्थ रह सकते हैं।

उत्साह के साथ जारी है पौध वितरण

डॉ. पाण्डेय के अनुसार प्रदेशभर में औषधीय पौधों का वितरण उत्साह के साथ जारी है। एक से आठ अगस्त तक प्रदेश के 4 लाख 56 हजार 499 परिवारों तक औषधीय पौधे वितरित हो चुके हैं। पहले सात दिनों में प्रतापगढ़ जिले में सर्वाधिक 44819 परिवारों में पौधे वितरित हुए हैं। इसके बाद अलवर में 40628, बांसवाड़ा में 31738 उदयपुर (उत्तर) 31241 और उदयपुर में 31100, राजसमंद में 28125, हनुमानगढ़ में 26880 और सीकर में 21194 परिवारों तक पौधे पहुंच गए हैं। जन अभियान के रूप में औषधीय पौधे प्रत्येक परिवार तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

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