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बीते एक पखवाड़े (last fortnight) में राजस्थान आवासन मंडल (Rajasthan Housing Board) की कुल 142 सम्पत्तियां (properties) बिकीं, मिला 90 करोड़ रुपये का राजस्व (revenue)

बीते 15 दिनों यानी एक पखवाड़े (last fortnight) में राजस्थान आवासन मंडल (Rajasthan Housing Board) की 29 प्रीमियम सम्पत्तियां (properties) ई-ऑक्शन के माध्यम से बिकीं जिससे मंडल को 76 करोड़ 73 लाख रुपये का राजस्व (revenue) मिला। बुधवार, 11 अगस्त को नीलामी उत्सव ई-बिड सबमिशन योजना में भी आवासन मंडल की 113 सम्पत्तियां बिकीं जिससे मंडल को 12 करोड़ 78 लाख रुपये का राजस्व मिला। इस तरह एक पखवाडे में मण्डल की कुल 142 सम्पत्तियां बिकीं, जिससे मंल को 90 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।
राजस्थान आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि बीते एक पखवाडे में मंडल द्वारा जयपुर की प्रताप नगर, मालवीय नगर, इंदिरा गांधी नगर और मानसरोवर योजना में स्थित आवासीय और व्यावसायिक प्रीमियम सम्पत्तियों का विक्रय ई-ऑक्शन के माध्यम से किया गया। कोरोनाकाल होने के बावजूद मंडल की सम्पत्तियां खरीदने के लिये लोगों में जबरदस्त क्रेज नजर आया। 
 आरएचबी आतिश मार्केट की 12 दुकानें बिकीं 16 करोड़ 53 लाख रुपये में
आयुक्त ने बताया कि मंडल द्वारा मानसरोवर योजना में विकसित आरएचबी आतिश मार्केट की 12 दुकानें अपने निर्धारित न्यूनतम विक्रय मूल्य 7 करोड़ 60 लाख रुपये से लगभग दोगुनी से ज्यादा कीमत में 16 करोड़ 53 लाख रुपये में बिकीं। यहां 6.25 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाला कियोस्क संख्या के-03 न्यूतनम विक्रय मूल्य से 6 गुना कीमत में बिका। उल्लेखनीय है कि इसका न्यूनतम विक्रय मूल्य 85 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर था, जो 3 लाख 26 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर में बिका। 
 प्रताप नगर में 4 बड़े व्यावसायिक भूखंड बिके 41 करोड़ 92 लाख रुपये में 
आयुक्त ने बताया कि मंडल की प्रताप नगर योजना में हल्दी घाटी मार्ग पर स्थित 4 बड़े व्यावसायिक भूखंड अपने न्यूतनम विक्रय मूल्य से लगभग डेढ़ गुना कीमत पर बिके। उल्लेखनीय है कि यहां हल्दीघाटी मार्ग पर स्थित मंडल के 4 बड़े व्यावसायिक भूखंड 41 करोड़ 92 लाख रुपये में बिक गए। प्रॉपर्टी विशेषज्ञों का मानना है कि प्रताप नगर में मंडल द्वारा विकसित कोचिंग हब, जयपुर चौपाटी, राणा सांगा मार्केट और एआईएस रेजीडेंसी जैसी प्रीमियम योजनाओं की वजह से यहां प्रॉपर्टी में बूम आया है। उसका ही परिणाम है कि कोरोना काल की वजह से जहां प्रॉपर्टी बाजार में सुस्ती छायी हुई है, वहीं मंडल के बड़े व्यावसायिक भूखंड भी अपने न्यूनतम विक्रय मूल्य से अधिक कीमत पर बिक रहे हैं।  
 उल्लेखनीय है कि प्रताप नगर में 45 मीटर हल्दी घाटी मार्ग पर स्थित 797.4 वर्गमीटर का भूखंड संख्या एचजी-1/सी-4 का न्यूनतम विक्रय मूल्य 49 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर रखा था, जो कि 75 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर में बिका, भूखंड संख्या 68/एस-2, जिसका क्षेत्रफल 994.3 प्रति वर्गमीटर था, का न्यूतनम विक्रय मूल्य 61 हजार 500 रुपये प्रति वर्गमीटर रखा गया था जोकि 99 हजार 351 रुपये प्रति वर्गमीटर में बिका, भूखंड संख्या एचजी-1/सी-3 का न्यूनतम विक्रय मूल्य 49 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर रखा गया था, जोकि  84 हजार 500 रुपये प्रति वर्गमीटर में बिका। 
प्रताप नगर में हल्दी घाटी मार्ग पर एक भूखंड बिका 20 करोड़ 11 लाख 62 हजार रुपये में 
अरोड़ा ने बताया कि भूखंड संख्या 68/सीएस-8, जिसका क्षेत्रफल 2682.16 प्रति वर्गमीटर था, का न्यूनतम विक्रय मूल्य 74 हजार 500 रुपये प्रति वर्गमीटर रखा था। यह भूखंड 75 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर में बिका। इस भूखंड के विक्रय से मंडल को 20 करोड़ 11 लाख 62 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
मानसरोवर में शिप्रा पथ पर स्थित एक भूखंड बिका 8 करोड़ 75 लाख रुपये में 
उन्होंने बताया कि मानसरोवर में शिप्रा पथ पर स्थित 1137 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले भूखंड का न्यूतनम विक्रय मूल्य 60 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर रखा गया था जबकि यह भूखंड 77 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर में बिका। इस भूखंड के विक्रय से मंडल को 8 करोड़ 75 लाख 95 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। 
आयुष मार्केट की 4 दुकानें बिकीं 3 करोड़ 37 लाख 24 हजार रुपये में 
राजस्थान आवासन मंडल द्वारा प्रताप नगर में विकसित आयुष मार्केट की 4 दुकानों के विक्रय से 3 करोड़ 37 लाख 24 हजार रुपये का राजस्व मिला। ये सभी दुकानें अपने न्यूनतम विक्रय मूल्य से लगभग  दोगुनी से अधिक कीमत में बिकीं। 
जयपुर वृत्त प्रथम, द्वितीय और तृतीय में बिके 69 आवास, मिला 7 करोड 48 लाख रुपये का राजस्व
अरोड़ा ने बताया कि जयपुर वृत्त प्रथम, द्वितीय और तृतीय में 69 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मंडल को 7 करोड़ 72 लाख रुपये का राजस्व मिला, जोधपुर वृत्त प्रथम और द्वितीय में 11 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मंडल को 1 करोड़ 53 लाख रुपये का राजस्व मिला, बीकानेर वृत्त में 13 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मंडल को 1 करोड 8 लाख रुपये का राजस्व मिला, उदयपुर वृत्त में 16 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मण्डल को 1 करोड 97 लाख रुपये का राजस्व मिला और अलवर वृत्त में 4 सम्पत्तियां बिकी, जिससे मंडल को 48 लाख रुपये का राजस्व मिला। 

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