राजधानी जयपुर (Jaipur) में बदमाश बेखौफ (fearless) अपराध को अंजाम दे रहे है। इसका नजारा गुरुवार दोपहर को जयपुर कमिश्नरेट के वैशाली नगर थाना इलाके की गिरनार कॉलोनी में देखने को मिला, जहां कार में सवार होकर आए दो बदमाशों ने एक व्यक्ति पर फायरिंग कर दी। गंभीर हालत में लहूलुहान स्थिति में घायल को सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
कार में सवार होकर आए बदमाश एनएचएआई बिल्डिंग में घुसे और वहां पर मौजूद राजेंद्र चावला पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। फायरिंग में चावला और गंभीर रूप से घायल हो गए। फायरिंग की आवाज सुनकर अन्य अधिकारी कर्मचारी बाहर निकले और उन्होंने राजेंद्र को अस्पताल पहुंचाया जहां एसएमएस में उनकी मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत शहर भर में नाकाबंदी कराई।
डीसीपी क्राइम दिगत आनंद ने बताया कि मृतक राजेंद्र चावला (उम्र 63 साल) पुत्र भगवान सिंह मूलत सेक्टर 29 फरीदाबाद हरियाणा के रहने वाले थे और हाल में गुडग़ांव में रहकर एनएचएआई की एक कंसल्टेंसी कंपनी इस्कॉम एकहोम में काम कर रहे थे। यव अपने साथी साथ गुडग़ांव से रवाना होकर 1:30 बजे वैशाली नगर पहुंचे थे। आधा घंटा मीटिंग खत्म होने के बाद जब बाहर आए तो तुरंत कार सवार बदमाशों ने उसके गोली मार दी। गोली कान के पास से होते हुए अंदर घुस गई जिससे उसकी मौत हो गई।
हत्या की सूचना मिलते ही एडिशनल कमिश्नर अजय पाल लांबा, डीसीपी वेस्ट रिचा तोमर, डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद, क्राइम ब्रांच और वैशाली थाना पुलिस मौके पर पहुंचे।अस्पताल में डीसीपी साउथ हरेंद्र महावर एसीपी अशोक नगर सोहेल राजा पहुंचे और मामले की जानकारी ली। पुलिस को घटनास्थल के पास से सीसीटीवी फुटेज बरामद हुए है। फुटेज में दो युवक आते और फायरिंग के बाद भागते हुए दिखाई दे रहे है। पुलिस इसे रंजिश से जुड़ा हुआ मामला मान कर चल रही है।
वारदात के बाद जयपुर पुलिस ने 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को चैक किया है। स्पेशल टीम व क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है। बदमाशों के आने से लेकर जाने के सारे रूटों को पुलिस चैक कर रही है। फायरिंग करने वाले बदमाश प्रोफेशनल शूटर माने जा रहे है।
पुलिस ने बताया कि राजेंद्र चावला पहले भी तीन बार मीटिंग में आ चुके है। वे एनएचएआई से रिटायर हुए थे। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार वे जयपुर-गुरूग्राम हाइवे प्रोजेक्ट पर कंसल्टेंट के रूप में काम कर रहे थे। प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट के लिए आए थे। हाइवे पर 35 करोड़ की लागत से 14 पुलों का निर्माण कराया जाना है।