आपके कृत्य ने अशोक गहलोत को नरेंद्र मोदी के टक्कर का नेता बना दिया-संयम
मेरा प्रस्ताव है कि विपक्षी विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया जाए-धारीवाल
विधानसभा में हंगामा, तीन बार सदन स्थगित
जयपुर। पंद्रहवीं विधानसभा के पांचवे सत्र का दूसरा दिन शुक्रवार को हंगामेदार रहा। दूसरे दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में विश्वव्यापी महामारी कोरोना पर चर्चा हुई। बहस के दौरान हंगामा इतना बढ़ा कि दोपहर तक तीन बार सदन को स्थगित करना पड़ा।
हंगामे की शुरूआत विधायक कालीचरण सराफ के आरोप पर हुई जिसमें उन्होंने कोरोना की लड़ाई में पूरी व्यवस्था का कांग्रेसीकरण करने का आरोप लगाया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने जवाब दिया और आरोपों को झूंठा बताया। इस दौरान विपक्ष को बाहर निकालने की बात पर विपक्ष नाराज हो गया और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
सदन की कार्रवाई सुबह 11 बजे शुरू हुई। सबसे पहले शोकाभिव्यक्ति हुई। मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कार्य सलाहकार समिति का प्रतिवेदन पटल पर रखा। उसके बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कोरोना पर बहस की शुरूआत की।
शर्मा ने सदन को बताया कि पहला केस आने के बाद से ही मुस्तैदी से इसका मुकाबला किया। सभी राजनीतिक दलों और विभिन्न वर्गों से चर्चा कर राजस्थान में लॉकडाउन किया गया। उसके बाद ताली-थाली बजी और पूरे देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण देश लंबे समय तक लॉकडाउन में नहीं रह सकता है।
शर्मा ने सदन को बताया कि कोरोना से बेहतर मुकाबले के कारण आज प्रदेश 13वें नंबर पर है। मुख्यमंत्री के बेहतर प्रबंधन की वजह से कोरोना का ढंग से मुकाबला किया गया। इसी दौरान विपक्षी विधायक कालीचरण सराफ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सभी को साथ लेकर चले, उनकी तरफ से ऐसा शो किया गया, जबकि हकीकत यह है कि कोरोना से लड़ाई की पूरी व्यवस्था का कांग्रेसीकरण कर दिया गया, जिसकी निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बजट घोषणा के अनुसार 2000 चिकित्सकों की भर्ती के वादे को याद दिलाया। उन्होंने डोनेटेड प्लाज्मा को भी फ्री करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि डोनेटेड प्लाज्मा के लिए अस्पतालों की ओर से गरीब जनता से 16 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। निजी अस्पताल कोरोना मरीजों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं।
सरकार ने सामान्य बैड के लिए 2 हजार रुपए और वेंटिलेटर वाले बैड के 4 हजार रुपए निर्धारित कर रखे हैं, लेकिन निजी अस्पताल लाखों रुपए वसूल रहे हैं। सीनियर चिकित्सक कोविड मरीजों के पास भी नहीं फटकते, मरीजों का इलाज रेजिडेंट डाक्टर रहे हैं। उन्होंने आरयूएचएस में व्यवस्थाओं से परेशान होकर मरीज द्वारा आत्महत्या का मामला भी उठाया।
इन आरोपों पर मंत्री शांति धारीवाल और प्रतापसिंह खाचरियावास ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के दौरान धारीवाल ने कहा कि मेरा प्रस्ताव है कि विपक्षी विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया जाए। इस पर विपक्ष ने एतराज जताया। हंगामा बढ़ने पर आसन ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा थमता न देख सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।
सदन में विपक्षी विधायक वासुदेव देवनानी ने खस्ताहाल सरकारी अस्पतालों का मामला उठाया और कहा कि निजी अस्पताल मनमानी कर रहे हैं। सरकार यह बताए कि फ्री किए गए 40 हजार रुपए मूल्य वाले इंजेक्शन कितनों को लगाए गए हैं।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना कम्युनिटी संक्रमण की ओर बढ़ रहा है। प्रतिदिन हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं। प्लाज्मा थेरेपी के लिए वसूले जा रहे चार्ज पर सरकार को सोचना होगा। क्वारंटाइन सेंटरों को लोग यातनागृह के रूप में देख रहे हैं। संक्रमित लोगों के सोर्स मालूम नहीं हो पा रहे हैं। आईसीयू में भर्ती के लिए लोगों को गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।
विपक्षी विधायक सतीश पूनिया जब बोलने लगे तो सदन में जयश्रीराम के नारे लगे। पूनिया ने संक्रमण काल में केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनवाई। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि सरकार ने कर्तव्य परायणता के साथ लोगों को संभाला, लेकिन उनको डिस्टर्ब किसने किया, किसने उन्हें जैसलमेर तक पहुंचाया। आपके कृत्य ने अशोक गहलोत को नरेंद्र मोदी के टक्कर का नेता बना दिया है। कोरोना प्रबंधन में देश के बड़े राज्यों में राजस्थान सबसे अव्वल है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यदि केंद्र सरकार लॉकडाउन करके तैयारी नहीं करती तो देश में हाय-तौबा मच जाती। राजस्थान में लॉकडाउन सबसे पहले हो तो ठीक है और प्रधानमंत्री करें तो गलत हो जाता है। आप हमारे चुंटिया भरोगे तो हम भी चुंटिया भरेंगे।