दुकानों के संचालन के लिए आवेदन आमंत्रित, पारंपरिक भोजन का मिलेगा जायका
जयपुर। राजस्थान आवासन मंडल राम निवास बाग में बनाई गई चौपाटी की तर्ज पर शहर में तीन जगहों पर चौपाटियों को विकसित करेगा। इन चौपाटियों में लोगों को पारंपरिक भोजन का जायका मिलेगा। मंडल ने इन चौपाटियों में पारंपरिक भोजन की दुकानों के संचालन के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि प्रताप नगर चौपाटी में 28 दुकानों, मानसरोवर में 22 दुकानों और नायला में 16 दुकानों के संचालन और प्रबंधन के लिए 31 जुलाई तक आवेदन किया जा सकता है। चौपाटियों को विरासत की अवधारणा पर पर्यटकों और आगंतुकों के लिए विकसित किया गया है।
प्रताप नगर में विकसित होगा प्रताप एवेन्यू
मंडल की ओर से प्रताप नगर चौपाटी के पास 1 किलोमीटर क्षेत्र में प्रताप स्ट्रीट एवेन्यू विकसित किया जाएगा। इस क्षेत्र में सजावटी पौधे, जॉगिंग ट्रेक, बैठने के लिए बैंच, रंग-बिरंगी लाइटों, आधुनिक सेनेटाइजेशन स्टेशन का कार्य कराया जाएगा, जो राजस्थान में पहली बार होगा।
यहां लोगों विदेशी फूड, स्ट्रीट के अहसास के साथ चहलकदमी करते हुए व्यंजनों का आनंद उठा सकेंगे। इस पर करीब 4 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रताप नगर में 220, मानसरोवर में 180, नायला में 125 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी।आगंतुकों के वाहनों की पार्किंग की भी विशेष व्यवस्था होगी।
लुभाएगी लैंडस्केपिंग
इन चौपाटियों पर हरियाली की विशेष व्यवस्था होगी। खुले क्षेत्र को लैंडस्केपिंग के माध्यम से आकर्षक बनाया जाएगा। यहां जगह-जगह म्यूजिक सिस्टम लगाए जाएंगे, जिसपर भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ यूरोपियन वाद्य संगीत भी बजेगा।
लाइव शो आयोजित किए जाएंगे। विशेष अवसरों पर लोक गायकों के संगीत के कार्यक्रम आयोजित करने के साथ सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे।दुकानदार सफाई मापदण्डों के अनुसार कार्य करेंगे। यहां लगी एलईडी पर मंडल की योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
इस तरह के खाद्य के लिए आवंटन
इन चौपाटियों के बच्चों के खिलौने और हैण्डीक्राफ्ट, परांठा, दक्षिण भारतीय व्यंजन, उत्तर भारतीय व्यंजन, जैन-जोधपुरी व्यंजन, क्षेत्रीय भोजन, ज्यूस, फालूदा, चाय, कॉफी, फ्रूट चाट, राजस्थानी व्यंजन और सिंधी भोजन के लिए दुकानें आवंटित होगी। इन दुकानों का किराया 20 हजार से 30 हजार रुपए मासिक रखा गया है।
आवेदक को आवेदित व्यंजनों की किस्म में आवश्यक 5 वर्ष का अनुभव व पारंगतता और खाद्य लाइसेंस होना चाहिए। आवेदित व्यंजनों का जयपुर में प्रतिष्ठान होना चाहिए। आवंटन से संबंधित सभी जानकारी आवेदक को मंडल की वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएगा।