जयपुर। आयोजना राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव ने हिन्दी दिवस के अवसर पर राजस्थान के सभी निवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी है। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि हिन्दी की साहित्यिक गरिमा और लिपि की वैज्ञानिकता से सभी विद्वज्जन परिचित हैं। अनेक बाधाओं, व्यवधानों और उतार-चढ़ाव के बावजूद भी आज हिन्दी विश्व-मंच पर अपना स्थान बनानें जा रही है, यह हमारे देश के लिए बहुत गर्व की बात है।
आयोजना राज्य मंत्री ने आव्हान किया कि हिन्दी भाषा आज के युग की भाषा बने, विज्ञान और नई तकनीकी की भाषा बने, ये आज के युग की मांग है और हमें चाहिए की हम इस ओर कुछ ठोस कदम उठाएं। आयोजना राज्य मंत्री ने हिन्दी दिवस के अवसर पर राज भाषा हिन्दी को भारतीय परम्पराओं की पालक भाषा बताते हुए कहा कि भारत वैदिक काल से ही साहित्यिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत सक्षम और अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी यह समृ़द्ध विरासत आज राज भाषा हिन्दी के माध्यम से सर्वत्र प्रसारित हो रही है। इतिहास के पन्नों में हिन्दी का योगदान अमिट रूप से अंकित है। स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में भी राष्ट्र चेतना के विकास और विस्तार में हिन्दी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
उन्होंने कहा कि हिन्दी साहित्य, कला और संस्कृति की भाषा के रूप में विकसित होते हुए अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भाषा के रूप में भी तेजी से अपनी पहचान बना रही है। कम्प्यूटरों में देवनागरी लिपि में हिन्दी का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। इस मौके पर सभी लोगों को राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी भाषा को और भी अधिक समृद्ध बनाने के लिए अपने अपने स्तर पर कोशिश जारी रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में अधिकांश राजकीय कार्य हिन्दी में हो रहा है, ये गर्व का विषय है। आयोजना राज्य मंत्री ने हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों से आव्हान किया कि वे शत-प्रतिशत कार्य हिन्दी में ही करें।