इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के विज्ञानियों ने आज 2 सितंबर 2023 को सूर्य के अध्ययन के लिए ‘आदित्य-एल1’ को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया। यह देश का पहला सोलर मिशन है। करीब 127 दिनों के बाद यानी चार महीनों के दौरान में करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर यह L1 पॉइंट तक पहुंचेगा। सूर्य से कई करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुए ‘आदित्य’ उसे लगातार निहारेगा। इस तरह सूर्य के बारे में अधिकाधिक जानकारियां जुटाने की कोशिश होगी।
आदित्य एल-1 की लांचिंग पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित अनेक सत्तारूढञ और विपक्ष के नेताओं ने बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की है कि जल्द ही आदित्य एल-1 जानकारियां पृथ्वी पर भेजने लगेगा।
यह ठीक उसी तरह होगा जैसे 23 अगस्त 2023 के बाद से चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर लैंड करने के बाद वह हमें चंद्रमा के बारे में रोज नई जानकारियां दे रहा है। इसरो (ISRO) को उम्मीद है कि चंद्रयान-3 की तरह आदित्य-एल1 मिशन भी अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब होगा। देशवासियों की दुआएं ‘आदित्य-एल1’ के साथ हैं।
उल्लेखनीय है कि PSLV-C57 ने शनिवार सुबह 11.50 बजे, निर्धारित समय पर ‘आदित्य-एल1’ स्पेसक्राफ्ट को लेकर उड़ान भरी। इसरो कमांड सेंटर के अनुसार, सभी सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे हैं। श्रीहरिकोटा से लॉन्च के बाद यह कई इग्निशन और सेपरेशन चरणों से गुजरेगा।
आदित्य एल1 मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या कोरोनल मास इजेक्शन (CME), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।
सूर्य-पथ पर अग्रसर भारत।🇮🇳🚀🌞#AdityaL1Launch pic.twitter.com/wGwhMdaSzh
— Sambit Patra (@sambitswaraj) September 2, 2023