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’80 के होने बाद भी रिटायर नहीं हो रहे’- चाचा शरद की उम्र पर भतीजे अजित पवार ने फिर कसा तंज

पिछले साल जुलाई में भी अजित पवार चाचा की उम्र को लेकर टिप्पणी कर चुके हैं। तब बांद्रा में अजित ने पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहने को लेकर कहा, ‘आप 83 साल के हो चुके हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं?’ इसी तरह दिसंबर में अजित पवार ने कहा था, ‘जो काम उन्होंने 38 साल की उम्र में किया, वो काम मैंने 60 के बाद किया है।’
महाराष्ट्र के सियासी नाटक में हमेशा कुछ न कुछ होता ही रहा है। प्रदेश की सियासत में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस की खास पहचान है। हालांकि पिछले साल शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी से अलग राह पकड़ते हुए राज्य में बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) गुट के साथ सरकार में शामिल हो गए। तब से लेकर वह कई बार शरद पवार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोल चुके हैं। एक बार फिर उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर अपने चाचा की उम्र को लेकर तंज कसते हुए कहा कि 80 साल के होने के बाद भी यह व्यक्ति रिटायरमेट लेने को तयार नहीं है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक कार्यक्रम में चाचा शरद पवार का नाम लिए बगैर ही तंज कसते हुए कहा, “एक उम्र होने के बाद लोगों को रुक जाना चाहिए। सालों से इस तरह की परंपरा चलती आ रही है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सुनने को तैयार ही नहीं हैं। लोग अपनी बातों को लेकर अड़े हुए हैं।”
हम हैं न काम करने के लिए: अजित पवार
वो आगे कहते हैं, “ज्यादातर इंसान 60 के बाद रिटायरमेंट ले लेते हैं तो कुछ 65 की उम्र में, कुछ 70 में और कुछ 80 में रिटायर हो जाते है। लेकिन 80 साल के होने के बाद भी यह व्यक्ति रिटायरमेट लेने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है। यह क्या चल रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “हम हैं न काम करने के लिए। अगर हम कहीं कुछ गलत करते हैं तो हमें बताइए। हमारे पास भी काम करने को लेकर काफी क्षमता है। मैं कई बार राज्य का उपमुख्यमंत्री रह चुका हूं। हमने कई सारी योजनाओं को सफल भी बनाया है।” यह पहली बार नहीं है जब अजित पवार ने उम्र को लेकर ऐसा तंज कसा है। पिछले महीने दिसंबर में चाचा-भतीजे के बीच उम्र को लेकर नोक-झोंक हुई थी। अजित पवार ने बारामती में कहा था, “जो काम उन्होंने 38 साल की उम्र में किया, वो काम मैंने 60 के बाद किया है। कुछ लोग ने तो 38 साल की उम्र में ही कांग्रेस तोड़ दी थी।” अजित उस घटना का जिक्र कर रहे थे जब आज से करीब 45 साल पहले साल 1978 में शरद पवार ने वसंतदादा पाटिल की सरकार गिरा दी और 40 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गए। फिर समर्थन जुटाते हुए खुद मुख्यमंत्री भी बन गए। जिस समय शरद सीएम बने उस समय उनकी उम्र 38 साल थी।
पिछले महीने भी उम्र को लेकर कसा था तंज
हालांकि भतीजे अजित की टिप्पणी पर शरद पवार ने दो दिन बाद अपनी सफाई में कहा, “तब हमारा कदम बगावती नहीं था। हम बैठकर सबकी सहमति से फैसले लिया करते थे इसलिए किसी के शिकायत की नौबत ही नहीं आई। इससे पहले शरद पवार ने 17 दिसंबर को पुणे के आलंदी में किसी का नाम लिए बगैर कहा, “मैं अभी बूढ़ा नहीं हुआ हूं। अभी भी अच्छे-अच्छे को सीधा कर सकता हूं।” उन्होंने आगे यह भी कहा, “मुझे शिकायत है कि आप सभी अपने भाषणों में यह कहते रहते हैं कि मैं 83 साल का हो गया हूं, मैं 84 साल का हो गया हूं। मैं अभी बूढ़ा नहीं हुआ हूं। आप लोग चिंता ना करें।”
पिछले साल जुलाई में भी अजित पवार चाचा की उम्र को लेकर टिप्पणी कर चुके हैं। तब बांद्रा में अजित ने पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहने को लेकर कहा, “आप 83 साल के हो चुके हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं?” राजनीति से दूर रहने वाले लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का जिक्र करते हुए अजित ने कहा, “आईएएस अफसर 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं। राजनीति में भी देखिए। बीजेपी नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। आप आडवाणी और जोशी का उदाहरण देख सकते हैं।” उन्होंने कहा, “नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए, आप हमें अपना आशीर्वाद दें। आप 83 वर्ष के हो गए हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं? आप हमें अपना आशीर्वाद दें और हमारी प्रार्थना है कि आप लंबी उम्र जीएं।”

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