वन बल प्रमुख ने ली तीनों टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशकों की बैठक
राजस्थान (Rajasthan) की प्रत्येक बाघ परियोजना (tiger projects) क्षेत्र का प्रबंधन (management) योजना (scheme) के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। विशेष रूप से पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण एवं विकास, जैव-विविधता संरक्षण, मानव और वन्य जीवों के बीच होने वाले संघर्ष व उनकी सुरक्षा के मद्देनजर मिटिगेटिव मेजर्स क्रियान्वित किये जाएंगे। शुक्रवार को इस संबंध में वन बल प्रमुख डॉ. दीप नारायण पाण्डेय द्वारा चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन और तीनों बाघ परियोजनाओं के क्षेत्र निदेशकों के साथ विचार-विमर्श किया।
पाण्डेय ने बताया कि बाघ संरक्षण के संबंध में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन और तीनों बाघ परियोजनाओं के निदेशकों के साथ बैठक की गई। इस दौरान राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत बाघ संरक्षण रणनीति तथा प्रोटेक्टेड एरिया मैनेजमेंट प्लान में निर्दिष्ट योजना के अनुरूप कार्यवाही कराए जाने के निर्देश क्षेत्र निदेशकों को दिए गए। उन्होंने क्षेत्र निदेशकों से रिवाइल्डिंग, कॉरिडोर विकास और मानव एवं वन्य जीव संघर्ष को कम करने हेतु मिटिगेटिव मेजर्स को क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।
बैठक में एमटी-4 बाघ को मुकुंदरा में बने एंक्लोजर से छोड़े जाने हेतु राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा 5 अक्टूबर 2021 को गठित टीम के अगले सप्ताह के प्रस्तावित दौरे के बारे में क्षेत्र निदेशक मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (कोटा) द्वारा अवगत करवाया गया। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि एमटी-4 को छोड़े जाने के बाद रणथंभोर में निरुद्ध बाघ को मुकुंदरा ले जाने की संभावनाओं पर विचार किया जा सकेगा। साथ ही सरिस्का में एसटी-6 का विशेषज्ञों से स्वास्थ्य परीक्षण करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान अरिंदम तोमर ने तीनों बाघ संरक्षण क्षेत्रों की भिन्नता तथा उसके कारण उनकी प्रबंधकीय परिस्थितियों को विस्तार पूर्वक बताया। तोमर ने राज्य में वन्य जीव संरक्षण के संदर्भ में दीर्घकालिक रणनीति तथा उस रणनीति के अनुरूप निवेश की आवश्यकता पर बल दिया।