पोल्का डॉट्स की फ्रॉक पहने चहकती बच्ची को तो आज हर कोई जानता है , जी हाँ वही अमूल गर्ल ,जो सालों से लगभग हर घर में अपनी पहचान बना चुकी है। अमूल गर्ल के क्रिएटर और विज्ञापन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान हासिल करने वाले सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने कल रात इस संसार को अलविदा कह दिया है। अमूल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेन मेहता ने ट्वीट कर दी हैं।
विज्ञापन की इंडस्ट्री में एक अलग पहचान हासिल करने वाले सिल्वेस्टर दाकुन्हा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने 80 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। अमूल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेन मेहता ने ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी हैं कि कल रात सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने मुंबई में आखिरी सांस ली है। इस पर काफी लोग शोक जता रहे हैं।
Very sorry to inform about the sad demise of Shri Sylvester daCunha, Chairman of daCunha Communications last night at Mumbai
A doyen of Indian advertising industry who was associated with Amul since 1960s. The Amul family joins in mourning this sad loss @RahuldaCunhaॐ Shanti 🙏 pic.twitter.com/cuac1K6FSo
— Jayen Mehta (@Jayen_Mehta) June 21, 2023
अमूल गर्ल के जरिए ब्रांड को मिली थी खास पहचान
सिल्वेस्टर दाकुन्हा अमूल गर्ल के क्रिएटर थे। साल 1966 में एड गुरु सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने अपनी कल्पना से अमूल की ‘अटरली-बटरली’ गर्ल को जन्म दिया था। ‘अटरली-बटरली’ गर्ल को तो आपने कई बार टीवी पर देखा होगा। उन्होंने अमूल गर्ल कैंपेन बनाकर इस ब्रांड को प्रसिद्धि के नए आयामों तक पहुँचाया था।
विरल भयानी ने भी जताया शोक
मशहूर फोटोग्राफर और कंटेंट क्रिएटर विरल भयानी ने भी सिल्वेस्टर दाकुन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर श्रध्दाँजलि अर्पित करते हुए लिखा कि “हम सभी ने पोल्का-डॉटेड ड्रेस में मुस्कुराती हुई लड़की को देखा है जो अमूल का शुभंकर है। बटर गर्ल का जन्म 1966 में हुआ था जब अमूल बटर के खाते को संभालने वाली विज्ञापन एजेंसी के तत्कालीन एमडी सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने उसे अपने अभियान के लिए बनाया था।”
अमूल की ‘अटरली-बटरली’ गर्ल को इन्होंने डिजाइन कर काफी लोकप्रियता हासिल की थी। उनके परिवार में उनकी पत्नी निशा और बेटे राहुल दाकुन्हा हैं। सिल्वेस्टर दाकुन्हा, दिवंगत गर्सन दाकुन्हा के भाई थे। यूं तो सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने कई एड डिजाइन किए है लेकिन असली पहचान उन्हें अमूल के जरिए मिली।
अमूल गर्ल कैंपेन शुरू होने के तीन साल बाद गर्सन और सिल्वेस्टर भाइयों ने अमूल गर्ल को अपने साथ लेकर 1969 में दाकुन्हा कम्युनिकेशंस की स्थापना की थी। इस अभियान ने अब तक ५६ वर्ष पूरे कर चुके हैं। इतना ही नहीं यह अभियान अब भी चल रहा है। जो सोच इस मैस्कॉट को बनाते समय टीम ने रखी थी वो अभी भी जारी है और अमूल गर्ल को अब हर भारतीय जानता है।यही कारण है कि अमूल गर्ल के जन्मदाता सिल्वेस्टर दाकुन्हा कि विदाई पर हर कोई उदास है।