जयपुर। कोरोना महामारी के कारण शहरों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी रोजगार का बड़ा संकट पैदा हुआ है। ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम विकास से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। यह कहना है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का।
गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय शुरू हुई महात्मा गांधी नरेगा योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनएं कोरोना संक्रमण के इस चुनौतिपूर्ण समय में वरदान साबित हो रही है।
उत्पादों की हो बेहतर मार्केटिंग
गहलोत ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गांव-गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की अच्छी भूमिका रही है। इन समूहों को प्रोत्साहन देने के साथ ही योजना में और अधिक समूहों के गठन को बढ़ावा दिया जाए। इनके उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग हो। कोरोना काल में इन्हें ई-बाजार जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म से भी जोड़ा जाए।
45 दिनों में जारी हो कार्यों की स्वीकृतियां
गहलोत ने कहा कि विधायक-सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यकम के तहत विकास कार्यों में देरी की शिकायत मिलती है। इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृतियां हर हाल में 45 दिनों में जारी की जाएं। इन कार्यक्रमों की निगरानी के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाए।
पंचायत सहायकों को मिलेगा मानदेय
बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष 26 हजार पंचायत सहायकों को मानदेय नहीं मिलने का मामला आया तो उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य को तत्काल प्रभाव से 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी करने के निर्देश दिए।
ग्राम विकास अधिकारी और बीडीओ के पद सृजित करें
गहलोत ने राज्य में नवगठित 1456 नई ग्राम पंचायतों तथ 57 नई पंचायत समितियों के लिए ग्राम विकास अधिकारी और ब्लॉक डवलपमेंट ऑफिसर के नए पद शीघ्र सृजित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कोरोना संक्रमण के कारण आवश्यकता अनुसार विद्युत शवदाहगृह के निर्माण की स्वीकृति जारी करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, सीमांत क्षेत्रीय विकास योजना, महात्मा गांधी जनभागीदारी विकास योजना, डांग, मगरा और मेवात विकास योजना सहित विभाग से जुड़ी अन्य योजनाओं की गहन समीक्षा की।