हैदराबाद। हाल ही में हुए तेलंगाना जाति सर्वेक्षण में अनियमितताओं को लेकर विपक्षी दलों, विशेष रूप से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विरोध का सामना कर रही कांग्रेस सरकार ने 16 से 28 फरवरी के बीच सर्वेक्षण का एक और दौर कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, यह सर्वेक्षण केवल उन 3.1% लोगों तक सीमित रहेगा, जिन्होंने पहली बार इसमें भाग नहीं लिया था।
तेलंगाना समाजिक, जाति, आर्थिक, शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक (SCEEEP) सर्वेक्षण 2025 की रिपोर्ट जारी होते ही इसकी सटीकता और विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे। सबसे बड़ा विवाद राज्य में पिछड़ी जातियों (BC) की जनसंख्या में आई कथित गिरावट को लेकर हुआ।
सरकार का बयान
तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क ने कहा, “3.1% परिवार जो पहले सर्वेक्षण में शामिल नहीं हुए थे, अब अपनी जानकारी देना चाहते हैं। इसलिए, राज्य सरकार ने उन्हें 16 से 28 फरवरी के बीच एक और अवसर देने का निर्णय लिया है। उनके लिए एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया जा रहा है।”
लोग अपनी जानकारी ऑनलाइन, टोल-फ्री नंबर या मंडल कार्यालयों के माध्यम से जमा कर सकते हैं। इस डेटा की समीक्षा राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मार्च के पहले सप्ताह में की जाएगी।
आरक्षण पर बड़ा कदम
उपमुख्यमंत्री विक्रमार्क ने बताया कि मार्च में होने वाले राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक विधेयक पेश किया जाएगा, जिसमें स्थानीय निकाय चुनावों में 42% आरक्षण का प्रस्ताव होगा। यह विधेयक पारित होने के बाद केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा और इसे लेकर राष्ट्रीय सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा।
विपक्ष के आरोप
विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर जानबूझकर पिछड़ी जातियों की संख्या कम दिखाने का आरोप लगाया। बीआरएस नेता रावुला श्रीधर रेड्डी ने कहा, “इस सर्वेक्षण में कांग्रेस की प्रतिबद्धता ही नहीं दिख रही है। यह पूरी तरह से दोषपूर्ण है। उन्होंने केवल 96.9% परिवारों को कवर किया, और अधिकांश परिवारों ने अपनी पूरी जानकारी नहीं दी।”
बीजेपी ने भी कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को कांग्रेस पर भरोसा नहीं रहा। बीजेपी नेता के. कृष्ण सागर राव ने कहा, “कांग्रेस जो भी वादा करती है, उसमें ईमानदारी की कमी होती है। यही वजह है कि लोग उन पर भरोसा करना बंद कर चुके हैं।”
मुस्लिम पिछड़े वर्गों पर विवाद
केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने जाति सर्वेक्षण में मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्गों को बीसी श्रेणी में शामिल करने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अन्य पिछड़ी जातियों के साथ अन्याय करेगा।
करीमनगर में एक रोड शो के दौरान बीजेपी उम्मीदवारों के समर्थन में उन्होंने कहा, “हैदराबाद के नगर निगम चुनावों में हिंदू उम्मीदवारों की हार इसलिए हुई क्योंकि पिछड़े मुस्लिमों को बीसी के रूप में 4% आरक्षण दिया गया था। यह 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी द्वारा किया गया था।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को यह याद रखना चाहिए कि अन्य जातियां भी मुस्लिमों को बीसी श्रेणी में शामिल किए जाने का विरोध कर रही हैं।