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एशियाई एथलेटिक्स 2023 :भारत के कुल सात पदक में से पांच स्वर्ण, तेजिंदरपाल व पारूल ने जीते स्वर्ण

भारतीय गोला फेंक एथलीट तेजिंदरपाल सिंह ने एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखते हुए महाद्वीपीय सर्किट में अपना आधिपत्य स्थापित किया। हालांकि दूसरे थ्रो में सर्वश्रेष्ठ प्रयास के बाद वह लंगड़ाते हुए बाहर आए। एशियाई रिकॉर्डधारी तूर ने दूसरे थ्रो में 20.23 मीटर की दूरी पर गोला फेंका लेकिन इस प्रयास के बाद वह ‘ग्रोइन’ हिस्से में चोट से लंगड़ाते हुए बाहर आए। इसके बाद उन्होंने कोई थ्रो नहीं किया। ईरान के साबेरी मेहदी (19.98 मीटर) ने रजत पदक और कजाखस्तान के इवान इवानोव (19.87 मीटर) ने कांस्य पदक अपने नाम किया।वहीँ पारूल चौधरी ने बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपना पहला 3000 मीटर स्टीपलचेस खिताब हासिल किया जिससे भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या पांच हो गयी। लंबी कूद की युवा एथलीट शैली सिंह ने भी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपना पहला पदक रजत के रूप में हासिल किया।
भारत के लिये कल का दिन शानदार रहा। भारत ने अभी तक नौ पदक जीत लिए हैं जिसमें पांच स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य शामिल हैं।
एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सभी विजेताओं के पास हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली विश्व चैंपियनशिप (19 से 27 अगस्त) के लिए क्वालीफाई करने का मौका है। विश्व चैंपियनशिप के क्वालीफाइंग मापदंड के अनुसार महाद्वीपीय चैंपियन सीधे इस प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं बशर्ते विश्व रैंकिंग के आधार पर इसी स्पर्धा में उसी क्षेत्र से कोई बेहतर खिलाड़ी शामिल नहीं हो।
तूर गोला फेंक स्पर्धा में जीत के प्रबल दावेदार थे। उन्होंने 19.80 मीटर के प्रयास के बाद दूसरे प्रयास में 20.23 मीटर दूर गोला फेंका। तूर (28 वषर्) एशियाई चैंपियनशिप खिताब कायम रखने वाले तीसरे गोला फेंक एथलीट बन गए हैं। कतर के बिलाल साद मुबारक ने 1995 और 1998 तथा 2002 और 2003 में दो बार लगातार स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि दो बार अपने नाम की है। कुवैत के मोहम्मद घारिब अल जिंकावी ने लगातार तीन बार 1979, 1981 और 1983 में पहला स्थान हासिल किया था।
सात भारतीयों ने इससे पहले एशियाई चैम्पियनशिप में गोला फेंक स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता है। 28 वर्षीय पारूल चौधरी ने नौ मिनट 38.76 सेकेंड के समय से आसान जीत दर्ज की। उनका यह समय उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ नौ मिनट 29.51 सेकेंड के समय से बेहतर रहा। चीन की शुआंगशुआंग जू (नौ मिनट 44.54 सेकेंड) और जापान की योशिमुरा रेमी (9:48.48) ने क्रमश: रजत और कांस्य जीते।
अंजू बॉबी जॉर्ज की शिष्या 19 वर्षीय शैली का यह सीनियर स्तर पर पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था जिसमें उन्होंने रजत पदक अपने खाते में डाला। उन्होंने 2021 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। शैली ने 6.54 मीटर के पहले प्रयास से दूसरा स्थान हासिल किया। वह पहले आगे चल रही थी लेकिन जापान की सुमिरे हाता ने 6.97 मीटर के प्रयास से पहला स्थान पाया।
बता दें कि ‘भगवान हनुमान’ थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में चल रहे एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप टूर्नामेंट में इस साल के संस्करण के ऑफिशियल मैस्कॉट हैं ।एशियन एथलेटिक्स एसोसिएशन ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि “चूंकि हनुमान जी भगवान राम की सेवा में गति, शक्ति, साहस और बुद्धि सहित असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं। बजरंगबली की सबसे बड़ी क्षमता उनकी दृढ़ निष्ठा और भक्ति है। वहीं, एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 का लोगो भी इन खेलों में भाग लेने वाले एथलीट्स, उनकी स्किल, उनका टीम वर्क, उनकी मेहनत और खेल के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। इसलिए हमने बजरंगबली को मैस्कॉट बनाने का फैसला किया है।

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