अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा और उसके बाद आने वाले भक्तों के लिए सुरक्षा व्यवस्था लगातार कड़ी की जा रही है। किसी प्रकार तरह की उदंडता को रोकने के लिए हजारों कैमरे लगाए जा रहे हैं।
यदि आप अयोध्या में उद्दंडता करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो सीधी सलाह है, सोचिएगा भी मत। यहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर है, जिससे बच पाना आसान नहीं है। जिले के 10,548 स्थानों पर लगे खुफिया कैमरों से हर गतिविधि की निगरानी हो रही है। खुराफातियों को पता भी नहीं चलेगा कि वे कहां से देखे जा रहे हैं।
पुलिस ने पहले से ही तैयारी की
श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या की सुरक्षा और अहम हो गई है। इसके लिए गृह विभाग ने ऐसी तैयारी है कि अशांति फैलाने वालों के मंसूबे तार-तार हो जाएंगे। चैक-चैराहों व संवेदनशील स्थानों पर सशस्त्र जवान तो मुस्तैद रहेंगे ही, तीसरी आंख की निगाह भी सर्वत्र रहेगी। इसे लेकर पुलिस ने पहले से ही तैयारी की थी, जो अब अधिक सार्थक सिद्ध हो रही है।
ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत खुफिया कैमरे
पूर्व में सार्वजनिक स्थलों पर लगे कैमरों के अलावा ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत जिले में 10,548 खुफिया कैमरे अब तक लग चुके हैं। इनमें रामनगरी के लगभग 3500 कैमरे शामिल हैं। कोतवाली अयोध्या क्षेत्र में लगभग 2,000, रामजन्मभूमि थाना क्षेत्र में लगभग डेढ़ हजार व नगर कोतवाली क्षेत्र में 710 कैमरे लगे हैं। इसके अलावा रेड जोन व येलो जोन में भी अलग-अलग क्षमता के आधुनिक कैमरे लगे हैं।
शहर से जाने वाले हर रास्ते पर कैमरे
यह कैमरे उन स्थानों पर लगे हैं, जहां आपकी सोच भी नहीं पहुंच सकती है। किसी भी व्यक्ति के आते-जाते, उठते-बैठते या किसी तरह की गतिविधि को यह कैमरे रिकाॅर्ड करेंगे। किसी तरह का अपराध करके अपराधी भाग भी नहीं सकेगा। शहर से जाने वाले हर रास्ते पर ये कैमरे उसका पीछा करेंगे।
हनुमानगढ़ी व नागेश्वरनाथ पर लगे 25 आईपी कैमरे
हनुमानगढ़ी व नागेश्वरनाथ मंदिर पर 25 इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) कैमरे लगे हैं। अब कनक भवन, राम की पैड़ी व अन्य स्थानों पर भी यही कैमरे लगेंगे। ये कैमरे इंटरनेट या स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क (एलएएन) पर फुटेज भेजकर और प्राप्त करके डिजिटल वीडियो की निगरानी करते हैं। यह वाईफाई या पावर ओवर ईथरनेट (पीओई) केबल के जरिये नेटवर्क से जुड़ते हैं।