अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का लोकार्पण होना है। इसी बीच अयोध्या में मस्जिद की नींव रखने की भी खबर सामने आई है। रामनगरी से करीब 25 किमी दूर इस मस्जिद की नींव मक्का के इमाम अब्दुल रहमान अल सुदैस रखेंगे।
मुंबई के भाजपा नेता हाजी अराफात शेख के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी मीडिया की ओर से दी गई। हाजी अराफात शेख को मस्जिद विकास समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मस्जिद का नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्ला रखा जाएगा।
अराफात शेख ने बताया कि अयोध्या में बनने वाली मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होगी। इसमें 21 फीट ऊंची और 36 फीट चैड़ी दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रखी जाएगी। मस्जिद परिसर में कैंसर हॉस्पिटल, स्कूल, म्यूजियम और लाइब्रेरी बनेगी। यहां शाकाहारी होटल बनाया जाएगा, जो यहां आने वाले लोगों को मुफ्त खाना खिलाएगा। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष का कहना है- मस्जिद का स्ट्रक्चर ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत नजर आएगा। मस्जिद में बड़े-बड़े फव्वारे लगाए जाएंगे, जो शाम होते ही चलने लगेंगे। इसके साथ ही नमाज शुरू होगी, यह नजारा देखने में भव्य होगा। यहां हर धर्म के लोगों को आने की अनुमति होगी।
कौन हैं अब्दुल रहमान अल सुदैस
अब्दुल रहमान अल सुदैस का जन्म 1961 में अरब के कासिम शहर में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई अल मुथाना बिन हरिथ एलीमेंट्री स्कूल में हुई। 1979 में उन्होंने अपना ग्रेजुशन पूरा किया। अल सुदैस ने सिर्फ 12 साल की उम्र में ही कुरान याद कर ली थी।
यूपी सरकार ने मस्जिद के लिए जमीन दी थी
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला सुनाते हुए यूपी सरकार को आदेश दिया था कि वह मुस्लिम पक्ष को धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दे। 5 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ का गठन किया गया था। उसी दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के रौनाही में धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित की थी।
9 नवंबर, 2019 को आया था सुप्रीम फैसला
बोर्ड ने सरकार की ओर से दी गई 5 एकड़ जमीन को स्वीकार किया। अक्टूबर में अयोध्या विकास प्राधिकरण की एक बैठक हुई, जिसमें धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लेआउट को मंजूरी मिली। फिर मस्जिद के लेआउट को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दिखाया गया। 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर आखिरी फैसला सुनाया। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दी गई। मस्जिद निर्माण के लिए सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश से चंदा आया। ट्रस्ट ने ये रकम गिनी तो हिंदू-मुस्लिम सौहार्द की एक नई तस्वीर सामने आई। मस्जिद बनाने के लिए अब तक मिले कुल दान का 40 फीसदी हिस्सा हिंदुओं ने दिया है।