वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विख्यात राजस्थान की राजधानी जयपुर में अक्षय तृतीया के सावे पर सड़कें सुनसान नजर आएंगी। न बैंड बाजे की मधुर धुनें सुनने को मिलेगी और न ही आकर्षक लाइटों से सजी आतिशबाजी के साथ चलती बारातों में बाराती नाचते नजर आएंगे। देश में चल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते इस वर्ष शादियों का यह सीजन खत्म सा नजर आ रहा है।
प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए तीन दिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से शादियां टालने की अपील की थी। इस अपील का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। गहलोत की अपील के बाद जयपुर में 7 और 8 मई के साथ 14 मई को अक्षय तृतीया के अबूझ सावे पर होने वाली 90 फीसदी शादियां टाली जा चुकी है। शेष 10 फीसदी शादियों के बारे में भी कहा जा रहा है कि कोरोना के विकराल रूप, संक्रमित मरीजों और संक्रमण के कारण हो रही मौतों को देखकर ये शादियां भी टल सकती हैं। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए यह जरूरी भी था।
ऑल वेडिंग इंडस्ट्रीज फेडरेशन के महासचिव भवानीशंकर माली का कहना है कि मुख्यमंत्री की अपील के बाद लोगों ने शादियां टालना शुरू कर दिया है। होटल, बैंक्वेट हॉल और मैरिज गार्डनों में 90 फीसदी तक बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। शेष बची 10 फीसदी बुकिंग में से भी अधिकतर कैंसिल हो सकती है क्योंकि कोरोना संक्रमण में राहत के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। लोग समझ चुके हैं कि ‘जान है तो जहान है’। ऐसे में लोग खुद आगे आकर शादी समारोहों की बुकिंग कैंसल करा रहे हैं।
संचालकों को भारी नुकसान
माली ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण शादी समारोहों से जुड़े व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है। मैरिज गार्डन संचालक तो निगम में टैक्स और लाइसेंस फीस के पैसे भी अग्रिम जमा करा चुके थे। अकले जयपुर के गार्डन व्यवसाइयों ने करीब 12 करोड़ रुपए का अग्रिम टैक्स नगर निगम को जमा कराया है। शादियों का सीजन बर्बाद होने के बावजूद ये सभी व्यापारी चाहते थे कि कोरोना को देखते हुए शादियों पर रोक लगा दी जाए। इसके लिए फेडरेशन की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया गया था और 15 दिनों के लिए शादियों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इनमें टैंट व्यवसायी, विवाह स्थल संचालक, फ्लॉवर डेकोरेटर्स, लाइट डेकोरेटर, हलवाई, केटरर्स, बैंड, लवाजमा, फोटोग्राफर, डीजे व्यवसायी शामिल हैं।
कोरोना ने खत्म किया शादियों का उल्लास
शादी समारोहों के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण शादियों का उल्लास खत्म हो चुका है। दूसरी लहर की शुरुआत में सरकार ने गाइडलाइन जारी कर 50 लोगों के शादी में शामिल होने की संख्या अनुमत की थी, जिसे अब घटाकर 31 कर दिया गया है। सरकार ने शादियों की तो इजाजत दे रखी है लेकिन कपड़ा, साफा-शेरवानी, दर्जी, ज्वैलर्स, ब्यूटीशियन की दुकानें बंद होने के कारण लोग शादी की तैयारियां नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में उनके सामने शादी टालने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है।
Band, Baja, Baaraat will not be seen on Akshaya Tritiya, effect of Chief Minister Gehlot’s appeal, 90 percent marriages postponed on big Muhurats