आर्थिकदिल्ली

अब नहीं कटेगा न्यूनतम राशि या निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने पर कोई शुल्क, RBI की बड़ी घोषणा

यदि आप भी बैंक खाताधारक हैं तो ये खबर आपके लिए आवश्यक हो सकती है। यदि आपका भी किसी बैंक में खाता है और वह निष्क्रिय यानि बंद पड़ा है, तो अब आरबीआई ने सभी बैंकों को अनक्लेम्ड डिपॉजिट और निष्क्रिय खातों को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि अब से, किसी भी खाते में न्यूनतम शेष राशि बनाए न रखने या निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए दंडात्मक शुल्क नहीं लगेगा। दिशा-निर्देश सभी वाणिज्यिक और सहकारी बैंकों पर लागू होते हैं और 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगे।
अकाउंट होल्डर या नॉमिनी से रीएक्टिवेट कराएं -RBI
RBI ने बैंकों से कहा है कि वे इनऑपरेटिव और अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स वाले खातों के ग्राहकों या उनके नॉमिनी या फिर उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को ढूंढें।बैंकों को ई-मेल और SMS द्वारा ऐसे खातों के मालिकों को खोजने का निर्देश मिला है। इसके बाद उन्हें अकाउंट री-एक्टिवेट कराने या फिर क्लेम सेटलमेंट करने की सलाह दी जाए। साथ ही ऐसे अकाउंट्स की निश्चित अवधि पर नजर रखने का भी सुझाव दिया है, क्योंकि इन खातों को साइबर फ्रॉड या धोखाधड़ी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
आरबीआई ने कहा है कि अगर खाताधारक ने लगातार 2 साल तक अपने खाते से कोई लेनदेन नहीं किया है। इसके अलावा, यदि खाता अब निष्क्रिय है, तो बैंक उस पर कोई न्यूनतम शेष राशि न रखने के लिए शुल्क नहीं लगा सकता है।
छात्रवृत्ति खातों से भी शुल्क नहीं लिया जाएगा
आरबीआई ने यह भी कहा है कि बैंक छात्रवृत्ति निधि या प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिए स्थापित खातों पर कोई न्यूनतम शेष शुल्क नहीं लगा सकते हैं। भले ही इन खातों का इस्तेमाल दो साल से ज्यादा समय से न किया गया हो। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश जारी किया है।
KYC प्रोसेस हो आसान
इसके अलावा, साथ ही बैंकों को KYC प्रोसेस को आसान बनाने के लिए कहा है, जिससे निष्क्रिय खाते को चालू करना आसान होगा। ऐसे मामलों में बैंक ग्राहकों से कोई शुल्क वसूल नहीं करेंगे।
बंद पड़े खातों की 6 माह निगरानी के भी निर्देश
आरबीआई के नए नियम न केवल खाताधारकों को सुरक्षित रखने के लिए हैं, बल्कि इससे फाइनेंशियल फ्रॉड की भी रोकथाम होगी। निष्क्रिय खातों के दोबारा चालू होने पर उन्हें 6 महीने निगरानी में रखने का भी प्रस्ताव है। अगर किसी बैंक अकाउंट में 10 साल या इससे अधिक समय तक कोई ऑपरेशन नहीं हुआ है, तो उस डिपॉजिट को बैंक को डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) के पास भेज देना चाहिए, जो रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित होता है।
हमेशा ब्याज मिलता रहेगा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों को बचत खातों पर हमेशा ब्याज देना होगा, भले ही वे फिर से निष्क्रिय हो जाएं। सरकारी योजना के खाते शून्य बैलेंस होने पर भी निष्क्रिय नहीं माने जाएंगे। मिनिमम बैलेंस पर कोई जुर्माना भी नहीं लगेगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में, किसी भी जमा खाते में क्रेडिट शेष जो कम से कम 10 वर्षों से निष्क्रिय है, या कोई भी राशि जो 10 वर्षों से लावारिस है, उसे बैंकों द्वारा डीईए फंड में स्थानांतरित करना आवश्यक है।

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