भाजपा सांसद (MP) किरोड़ी लाल मीणा अपने धरने-प्रदर्शनों के लिए हमेशा से चर्चित रहे हैं। कुछ समय पूर्व उन्होंने एक पुजारी की लाश के साथ सिविल लाइंस फाटक पर धरना दिया था, शनिवार को वह मुख्यमंत्री गहलोत (CM Gehlot) आवास (Residence) के बाहर अनाथ बच्चों (Orphan children) के साथ धरना देने पहुंच गए। अचानक हुए इस घटनाक्रम से पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। मीणा के इस धरने का पता न तो राजस्थान पुलिस को लग पाया और न ही इंटेलिजेंस को। यह दूसरा मौका है जबकि इंटेलिजेंस फेलियर सामने आई है।
किरोड़ीलाल गाडियों में बच्चों के साथ सीएम आवास के बाहर पहुंचे थे और उनके साथ 30-35 बच्चे थे, जिन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थी। सीएम आवास के बाहर किरोड़ीलाल मीणा और बच्चों को हाथों में तख्तियां लेकर खड़े देख सुरक्षाकर्मियों ने आला अधिकारियों को मामले की सूचना दी तो मौके पर कई अधिकारी पहुंच गए। इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा बच्चों के साथ सीएम आवास के बाहर धरने पर जम गए।
मीणा अनाथ बच्चों को पालनहार योजना का लाभ दिलाने के लिए धरने पर बैठे। उनकी मांग थी कि कोविड-19 में अनाथ बच्चों को जो पैकेज सरकार दे रही है, वह पैकेज इन बच्चों को भी मिले। इस पैकेज पर इन बच्चों का भी हक है। सरकारी उदासीनता के चलते यह बच्चे खेलने की उम्र में मजदूरी कर रहे हैं, भीख मांग रहे हैं। अनाथ बच्चों के लिए चलाई जा रही पालनहार, उत्कर्ष और गोराधाय योजना इनको राहत दिलाने में नाकाफी है।
करीब एक घंटे चले धरने के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मौके पर पहुंचे और उन्होंने मीणा से बातचीत की। इस वार्ता के बाद मीणा धरने से उठे। खाचरियावास ने मीणा को उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिलाया।
उल्लेखनीय है कि सिविल लाइंस में मुख्यमंत्री आवास और मंत्रियों के आवासों के आस-पास धरने-प्रदर्शन पर रोक है। यहां हमेशा धारा 144 लगी रहती है। अधिकांश धरने-प्रदर्शन सिविल लाइंस फाटक या 22 गोदाम चौराहे की तरफ होते हैं। सिविल लाइंस फाटक मुख्यमंत्री निवास से 500 मीटर दूर है तो 22 गोदाम चौराहा करीब एक किलोमीटर दूर है। मुख्यमंत्री आवास के ठीक बाहर पहली बार किरोड़ी लाल मीणा ने धरना दिया है।
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