उदयपुर संभाग के विधायकों को बाड़ेबंदी में भेजने की खबर
जयपुर। अशोक गहलोत की सरकार को गिराने चली भाजपा में अब खुद के विधायकों में तोडफ़ोड़ का डर सताने लगा है। भाजपा विधायकों में भी तोड़फोड़ की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। कहा जा रहा है कि भाजपा के कई विधायकों से कांग्रेस ने संपर्क किया है। कुछ विधायकों ने इसकी जानकारी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को दी तो भाजपा भी अलर्ट हो गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के उदयपुर संभाग के विधायकों से कांग्रेस के संपर्क की सूचना आई थी। इसके बाद से ही कहा जा रहा है कि उदयपुर संभाग के भाजपा विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी गई। सूत्रों के अनुसार करीब 12 विधायकों को बाड़ाबंदी में भेजा जा रहा है। इन विधायकों को घूमने के नाम पर गुजरात भेजा जा रहा है।
विधायकों को भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने गांधीनगर स्थित एक होटल पहुंचने का निर्देश दिया हैं। कहा यह भी जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया इन विधायकों पर पल-पल नजर रख रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जगसीराम कोली, समाराम गरासिया, पूराराम पटेल, प्रताप गमेती, फूल सिंह मीणा, गोपीचंद को गुजरात ले जाया गया है। विधायक धर्मनारायण जोशी को इन विधायकों को ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इससे पूर्व दोपहर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी कुछ टीवी चैनलों को बयान दिया था कि कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है। कहा जा रहा है कि जब से प्रदेश सरकार पर सियासी संकट आया है, तभी से ही भाजपा में भी तोडफ़ोड़ की बातें सामने आने लगी थी।
मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मिलीभगत की चर्चाएं जोरों पर थी। इस दौरान वसुंधरा राजे का प्रदेश की राजनीति से दूर रहना भी चर्चाओं को बल दे रहा था। मुख्यमंत्री गहलोत भी कई बार वसुंधरा राजे का नाम ले चुके थे।
हाल ही में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा की। इसमें वसुंधरा गुट के लोगों को कम स्थान दिए गए। कहा जा रहा है कि इस घोषणा से राजे नाराज बताई जा रही थी। इसी दौरान उन्हें प्रदेश नेतृत्व का सहयोग नहीं करने के कारण फिर से केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली तलब कर लिया।
हालांकि भाजपा की ओर से वसुंधरा के नाराज होने और पार्टी में टूट-फूट की बातों का खंडन किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी एकजुट है।