जयपुरराजनीति

भाजपा ने पेश किया मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

जयपुर। कांग्रेस द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने के बाद भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा की तरफ से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया समेत 10 विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया है।

कहा जा रहा है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी प्रस्ताव स्वीकार कर मुख्यमंत्री को नोटिस जारी करते है तो इससे गहलोत सरकार सवालों के कटघरे में खड़ी हो सकती है।

कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के द्वारा पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई बयानबाजी पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था।

कटारिया का कहना है कि संयम लोढ़ा ने जो प्रस्ताव पेश किया है, वह विशेषाधिकार हनन का बनता ही नहीं है। उस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले 23 विधायक कौन है, इसका हवाला नहीं दिया गया है। यदि वह विशेषाधिकार है तो फिर मुख्यमंत्री ने 35 करोड़ की डील की बात कही थी, वह भी विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है। अब स्पीकर को तय करना है कि यह विशेषाधिकार बनता है या नहीं।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद राठौड़ ने कहा कि दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने में मुख्यमंत्री को महारत हासिल है। सीएम ने संयम लोढ़ा को आगे करके बिना तथ्यों के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है। जिस भाषा में हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, उससे भी तीखी भाषा में मुख्यमंत्री ने 35 करोड़ वाली बात कहकर 200 विधायकों का अपमान किया है।

भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि यह विराम नहीं है, बल्कि शुरूआत है और हमने जो शुरूआत की है, वह अंजाम तक जाएगी। शुरूआत उन्होंने की है, खत्म हम करेंगे। यह मेरे खिलाफ चलाया गया पॉलिटिकल प्रोपेगंडा है। जैसे कांग्रेस ने प्रस्ताव दिया, उसी प्रकार हमने भी प्रस्ताव दिया है। सदन के बाहर के बयान विशेषाधिकार हनन में आते ही नहीं है।

उल्लेखनीय है कि 19 जून को संपन्न हुए राज्य के तीन राज्यसभा सीटों के मतदान से पहले कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि भाजपा जोड़-तोड़ करने के लिए विधायकों को 35 करोड़ का ऑफर दे रही है। हालांकि उन्होंने किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं लिया था।

इसके बाद भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार करते हुए कहा था कि सरकार की तरफ से 24 विधायकों को कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने के लिए खान आवंटन, रीको में प्लॉट आवंटन और कैश ट्रांजेक्शन जैसे काम किए गए थे।

Related posts

मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में ई-मित्र पर पंजीयन के लिए नहीं लगेगा कोई शुल्क : मुख्यमंत्री की हर 1 परिवार को इलाज के खर्च से मुक्त(free) करने की अनूठी पहल

admin

उच्चस्तरीय कमेटी की जांच रिपोर्ट आई नहीं, हटाए अधीक्षक को फिर दे दिया नाहरगढ़ का अतिरिक्त चार्ज

admin

औषधि नियंत्रक कराएंगे ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित

admin