राजस्थान की राजनीति उथल-पुथल मचाकर रख देने वाले बहुचर्चित भंवरी देवी (Bhanwari Devi case) अपहरण और हत्याकांड मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा (Ex minister Mahipal Maderna) समेत सात आरोपियों को जमानत (Bail granted to 7 accused) दे दी है। मंगलवार को जोधपुर में जस्टिस दिनेश मेहता की कोर्ट ने सातों आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे स्वीकार कर ली है।
अदालत ने भंवरी देवी के पति अमरचंद, पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, कैलाश जाखड़, विशनाराम समेत सात आरोपियों की जमानत मंजूर की। जबकि मामले में आरोपी और मुख्य साजिशकर्ता इंद्रा विश्नोई को जमानत नहीं मिल पाई है। यह सभी आरोपी दस साल से जेल में बंद थे। गत दिनों इस प्रकरण में पूर्व विधायक मल्खान सिंह समेत आठ लोगों की जमानत हो चुकी है।
इस केस में आरोपी सत्रह लोगों में से अब तक सोलह को जमानत मिल चुकी है। अब केवल जेल में मल्खान सिंह की बहन इंद्रा विश्नोई ही जेल में है। भंवरी प्रकरण में सबसे पहले पूर्व मंत्री स्व. रामसिंह विश्नोई के छोटे बेटे परसराम को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा था कि यह मामला जघन्य है, लेकिन ट्रायल में विलम्ब के आधार पर किसी को भी बरसों तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। इसी आधार पर अन्य आरोपियों ने भी हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने बारी-बारी से सभी को जमानत प्रदान कर दी।
इस केस के वकील गोकुलेश बोहरा ने बताया कि मंगलवार को भंवरी देवी मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता की कोर्ट ने आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, भंवरी के पति अमरचंद, आरोपी कैलाश, विश्नाराम, सोहनलाल सहित सात आरोपियों की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया। मामले में आरोपी और मुख्य साजिशकर्ता इंद्रा विश्नोई की ओर से जल्द जमानत अर्जी पेश की जा सकती है।
पूर्व मंत्री मदेरणा पर भवंरी का अपहरण कर हत्या करवाने का आरोप है। जबकि भंवरी के पति अमरचंद को भी सीबीआई ने षडयंत्र में शामिल माना था। सीबीआई जांच के अनुसार जमानत पर बाहर आने वाले विशना राम व कैलाश जाखड़ ने भंवरी के शरीर को आग लगाने के बाद उसकी राख को नहर में फेंका था।
बोरुंदा निवासी सहायक नर्स के पद पर कार्यरत भंवरी देवी एक सितंबर, 2011 को अचानक लापता हो गई थी। जिसके बाद 20 सितंबर, 2011 को भंवरी के पति अमरचंद ने तत्कालीन राज्य के जलदाय मंत्री महिपाल मदेरणा के खिलाफ अपहरण एवं हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। यह मामला रातों-रात काफी सुर्खियों में आ गया था। जिसके बाद राजस्थान सरकार ने सीबीआई से इसकी जांच करवाने की सिफारिश की थी। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा समेत सत्रह लोगों को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दो दिसंबर, 2011 को हुई गिरफ्तारी के बाद से मदेरणा जेल में बंद है।