भारत की प्रसिद्ध भरतनाट्यम नर्तकी यामिनी कृष्णमूर्ति का आज नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वे 84 वर्ष की थीं और बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थी। बीते सात महीनों सेउनका इलाज चल रहा था और कुछ दिनों से वे आईसीयू में भर्ती थीं। अब रविवार, 4 अगस्त को सुबह नौ बजे उनके पार्थिक शरीर को उनके संस्थान ‘यामिनी स्कूल ऑफ डांस’ में लाया जाएगा। फिलहाल यामिनी कृष्णमूर्ति के अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर कोई जानकारी नहीं सकी है। कृष्णमूर्ति के परिवार में दो बहनें हैं। यामिनी कृष्णमूर्ति के निधन से कलाजगत में शोक छा गया है।
यामिनी कृष्णमूर्ति का जन्म आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के मदनपल्ली में हुआ था। उनका पालन-पोषण तमिलनाडु के चिदम्बरम में हुआ था। यामिनी कृष्णमूर्ति ने 1957 में मद्रास में डेब्यू किया था। उन्हें तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम की अस्थाना नर्तकी (निवासी नर्तकी) होने का सम्मान प्राप्त था। उन्हें कुचिपुड़ी नृत्य शैली की ‘मशाल वाहक’ के रूप में भी जाना जाता था। वह अपने संस्थान, यामिनी स्कूल ऑफ डांस, हौज खास, नई दिल्ली में युवा नर्तकियों को नृत्य की शिक्षा देती थीं। यामिनी कृष्णमूर्ति के नृत्य करियर ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए, जिनमें पद्म श्री (1968), पद्म भूषण (2001), और पद्म विभूषण (2016) शामिल हैं, जो भारत गणराज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं।
दिग्गज राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू उन राजनीतिक नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने शनिवार को भरतनाट्यम के दिग्गज यामिनी कृष्णमूर्ति के निधन पर शोक व्यक्त किया। दत्तात्रेय ने शास्त्रीय नृत्य की दुनिया में यामिनी कृष्णमूर्ति के योगदान को याद किया और प्रार्थना की कि भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। यामिनी कृष्णमूर्ति के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए, नायडू ने कहा कि 1940 में आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली में पैदा हुए भरतनाट्यम विशेषज्ञ ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के ‘स्थान नर्तकी’ (निवासी नर्तक) के रूप में काम किया था। केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि यामिनी कृष्णमूर्ति ने भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी के माध्यम से देश की संस्कृति को दुनिया से परिचित कराया।