भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने गुरुवार को भरतपुर में भारतीय खाद्य निगम (IFC) के भरतपुर (Bharatpur) आगार मैनेजर विनोद कुमार कश्यप और क्वालिटी कंट्रोलर मन्नूलाल मौर्य को परिवादी से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी को परिवादी ने शिकायत दी थी कि उसकी फर्म द्वारा आईएफसी आगार भरतपुर के 91 हजार कट्टे अनाज मंडी रूपवास से परिवहन कराए थे। जमा रसीद देने के एवज में प्रति कट्टा एक रुपए का कमीशन देने की मांग करके विनोद कुमार और मन्नूलाल द्वारा उसे परेशान किया जा रहा है।
शिकायत पर भरतपुर इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश मीणा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराए जाने के बाद ट्रेप की कार्रवाई आयोजित की गई और विनोद कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। रिश्वत की रकम में से विनोद कुमार ने 20 हजार रुपए मन्नूलाल मौर्य को भी दिए थे, जिसके चलते मन्नू को भी गिरफ्तार किया गया।
एसीबी मुख्यालय के निर्देशों पर सीकर इकाई की ओर से भी झुंझुनूं जिले के मलसीसर थाने के हैड कांस्टेबल महेंद्र कुमार को परिवादी से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने परिवादी से उसके द्वारा दर्ज कराए प्रकरण में आरोपियों का चालान करने और उसके भाई के खिलाफ दर्ज प्रकरण में एफआर देने के एवज में रिश्वत मांग कर परेशान कर रहा था। आरोपी द्वारा शिकायत के सत्यापन में परिवादी की दुकान से क्रय किए गए दो ब्लूटूथ के दो हजार रुपए भी रिश्वत के रूप में समायोजित कर लिया था।
एक अन्य कार्रवाई में एसीबी की भीलवाड़ा इकाई ने राजसमंद के दिवेर थाने के हैड कांस्टेबल ओंकार सिंह को परिवादी से 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी द्वारा परिवादी के रेत के ट्रेक्टरों को नहीं पकडऩे के एवज में 5 हजार रुपए की मासिक बंधी मागी जा रही थी।
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में इन सभी कार्रवाई में गिरफ्तार आरोपियों के निवास व अन्य ठिकानों की तलाशी की कार्रवाई कराई जा रही है।
सीएमएचओ गंगानगर के दो कार्मिक गिरफ्तार
एसीबी की हनुमानगढ़ इकाई ने गंगानगर में कार्रवाई करते हुए कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गंगानगर के कनिष्ठ सहायक संदीप कुमार और वरिष्ठ सहायक पंकज कुमार को परिवादी से 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। परिवादी लैब टैक्नीशियन नवनियुक्त हुआ था और आरोपी उसे नजदीक के स्वास्थ्य केंद्रों पर पदस्थापित करने के एवज में रिश्वत मांग रहे थे।