भीलवाड़ा क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा देने एवं पोर्ट तक कन्टेनर लॉजिस्टिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार के उपक्रम ‘राजस्थान लघु उद्योग निगम‘ द्वारा भीलवाड़ा में इनलैण्ड कंटेनर डिपो (आईसीडी) का नवीनीकरण एवं पुनर्संचालन समारोह शनिवार 22 जुलाई को आयोजित किया गया। भीलवाड़ा के आजाद नगर में समारोह के मुख्य अतिथि, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत और विशिष्ट अतिथि राजस्व मंत्री रामलाल जाट और राजसिको एवं आरईपीसी के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने हरी झंडी दिखा कर कंटेनर्स रवाना किये।
उद्योग मंत्री ने भीलवाड़ा क्षेत्र के निर्यातकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के निर्यात व्यापार को बढाने के लिए सतत प्रयास किये जा रहे हैं। ‘मिशन निर्यातक बनो‘ के अन्तर्गत निर्यातकों को विदेशों में निर्यात के लिए पोर्ट तक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राजसिको के माध्यम से ड्राई पोर्ट की स्थापना की गई है। औद्योगिक नगरी भीलवाडा के औद्योगिक संगठनों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने यहां आईसीडी के पुनर्संचालन का निर्णय लिया है। रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय बजट 2022-23 में 95 करोड़ रूपयों की लागत से जोधपुर आईसीडी के विस्तारीकरण हेतु घोषणा की है। जोधपुर के सालावास रेल्वे स्टेशन के समीप 18.6559 हैक्टेयर एरिया में रेल लिंक वाले नवीन एवं आधुनिक इनलैण्ड कन्टेनर डिपो की स्थापना की जा रही है।
राजस्व मंत्री ने सर्वप्रथम काफी दिनों से बंद पड़े आईसीडी के नवीनीकरण एवं पुनर्संचालन के लिए राजीव अरोड़ा को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि यह आईसीडी भीलवाड़ा के उद्योगपतियों के लिए एक सौगात है। आधुनिक तरीके से बने इस आईसीडी को आरम्भ कर राज्य सरकार ने उद्योगपतियों की समस्याओं का निवारण किया है।
अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी राज्य की प्रगति में औद्योगिक विकास सबसे महत्वपूर्ण घटक होते हैं। औद्योगिक इकाईयों द्वारा तैयार उत्पादों का विपणन देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर किए जाने से प्रगति सुनिश्चित होती है। वर्ष 2010 से बंद आईसीडी भीलवाड़ा के पुनर्संचालन के लिए राजसिको द्वारा विगत तीन वर्षों से नवीनीकरण का प्रयास किया जा रहा था। इस आईसीडी से प्रारंभ में प्रतिमाह 300 से 400 कन्टेनर के निर्यात व्यापार की संभावना है, जिसके अतिशीघ्र आगामी 3 माह में 500 कन्टेनर तक होने की संभावना है। इसके संचालन से भीलवाडा टैक्सटाइल, पत्थर एवं खनिज तथा अन्य निर्यातमुखी औद्योगिक ईकाईयों को लॉजिस्टीक सुविधा उपलब्ध हो सकेगी और भीलवाडा के साथ-साथ माण्डलगढ, विजयनगर, गुलाबपुरा, शाहपुरा, बूंदी, चित्तौडगढ़ क्षेत्र के निर्यातकों को भी विशेष लाभ प्राप्त होगा।
उल्लेखनीय है कि निगम द्वारा राज्य के आयातकों-निर्यातकों को आधारभूत लॉजिस्टिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आईसीडी भीलवाड़ा की स्थापना वर्ष 1989 में की गई थी। आईसीडी भीलवाड़ा परिसर का क्षेत्रफल लगभग 25,000 वर्गगज क्षेत्र में स्थापित है। इसका उद्घाटन 7 दिसंबर 2000 को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा किया गया था। वर्ष 2009-10 में कंटेनर निर्यात व्यापार पर्याप्त नहीं होने एवं कस्टम कोस्ट रिकवरी का लगातार व्यय भार बढ़ने के कारण इस आईसीडी का संचालन बन्द कर दिया गया था। भीलवाड़ा क्षेत्र के निर्यातकों की सुविधा के लिए, गत एक दशक से अधिक समय से बंद पड़े आईसीडी भीलवाड़ा को सुधार कर इसका पुनर्संचालन किया गया है।
इन्फास्ट्रक्चर में सुधार एवं सुविधाओं के नवीनीकरण के लिए वर्ष 2021-22 में आईसीडी भीलवाडा परिसर के अन्दर नई सड़क का निर्माण एवं कार्यालय भवन का नवीनीकरण किया जा चुका है। सड़क निर्माण कार्य एवं अन्य समस्त आवश्यक उपकरण व फर्नीचर इत्यादि आईसीडी में स्थापित किये जा चुके हैं।
राजसिको के द्वारा आईसीडी भीलवाड़ा के नवीनीकरण कम्प्यूटरीकरण एवं अन्य आधुनिकीकरण का कार्य करवाने के लिए स्वयं के संसाधनों से अब तक लगभग 90 लाख रुपये व्यय किये जा चुके हैं। सीमा शुल्क विभाग, उदयपुर के अधिकारियों द्वारा इस आईसीडी के संचालन से पूर्व आवश्यक निरीक्षण की कार्यवाही की जा चुकी है तथा इस आईसीडी के हैण्डलिंग एंड ट्रांसपोर्टेशन एजेन्ट में सेवन ओशियन लॉजिस्टिक को कार्य आवंटित करने हेतु कस्टम विभाग से राजसिको को अनुमति भी प्राप्त हो चुकी है। कस्टम विभाग द्वारा राजसिको के आईसीडी भीलवाड़ा के लिए कस्टम स्टाफ का पदस्थापन किया जा चुका है। संचालन से पूर्व की समस्त कार्यवाही निगम द्वारा पूर्ण की जा चुकी है।
राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में उपायुक्त कस्टमस् नरेन्द्र आसेरी और प्रबन्ध निदेशक राजसिको डॉ मनीषा अरोड़ा, शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अक्षय त्रिपाठी, जिला कलक्टर आशीष मोदी सहित उद्योगपति आदि उपस्थित रहे।