जयपुर

भाजपा की रविवार को सिविल लाइंस पर बड़े प्रदर्शन की तैयारी, मानवाधिकार आयोग के संज्ञान के बाद प्रशासन ले सकता है पुजारी की लाश कब्जे में

महुआ के शंभु पुजारी की लाश के साथ पिछले तीन दिन से भाजपा नेता और कार्यकर्ता जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर धरना दे रहे हैं, लेकिन शनिवार रात या रविवार को इस फाटक पर हंगामा देखने को मिल सकता है, क्योंकि धरने में जान फूंकने के लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया रविवार सुबह धरने में शामिल हो सकते हैं। उधर कहा जा रहा है कि प्रशासन पुजारी की लाश को कब्जे में ले सकता है और धरने को तितर-बितर कर सकता है।

प्रशासन की कार्रवाई की बानगी शनिवार शाम को ही दिखाई दे गई, जबकि सांसद किरोड़ी लाल मीणा अचानक अपने समर्थकों के साथ लाश के पास आ गए और तख्ता डालकर बैठ गए। नेताओं को आशंका थी कि प्रशासन लाश को अपने कब्जे में ले सकता है। कार्यकर्ताओं के पास में आने पर पुलिस हरकत में आई और लाश से दूर रहने के लिए कहने लगी। इसी दौरान कुछ दूरी पर खड़े कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा तितर-बितर करने की कोशिश की गई, जिससे धरनास्थल पर हंगामा हो गया।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया का सुबह प्रदेश कार्यालय से कार्यकर्ताओं के साथ फाटक की ओर कूच करने का कार्यक्रम है। कार्यक्रम इसलिए रखा गया है, ताकि धरने में जान फूंकी जा सके और सरकार पर दबाव बढ़ाया जा सके। धरने पर भीड़ बढ़ाने के लिए जयपुर शहर भाजपा और ग्रामीण के कार्यकर्ताओं, नेताओं, पार्षदों को प्रदेशाध्यक्ष का हवाला देकर धरने में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है।

कहा जा रहा है कि सरकार को प्रदर्शन की रिपोर्ट मिल चुकी है, इसलिए भाजपा के कार्यक्रम को पंक्चर करने के लिए प्रशासन लाश को कब्जे में ले सकता है। लाश को कब्जे में लेने की कार्रवाई के दौरान होने वाले बवाल से भाजपा राजनीतिक लाभ नहीं ले पाए, इसलिए मानवाधिकार आयोग के प्रसंज्ञान की आड़ लेकर प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई की जा सकती है।

फाटक पर धरने के तीसरे दिन सरकार को सद्बुद्धि के उद्देश्य से सांसद करोड़ी लाल मीणा, रामचरण बोहरा और विधायक कालीचरण सराफ व अशोक लाहोटी के नेतृत्व में फाटक पर लालटेन मार्च निकाला गया। सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए लिखा गया कि स्वयं को राजस्थान का गांधी कहने वाले गहलोत पर धिक्कार है, जिनके दरवाजे पर जनता कई दिनों से मूक बधिर पुजारी शंभू शर्मा की पार्थिव देह को लेकर बैठी है, लेकिन उनके कानों पर जूं भी नहीं रेंग रही। गहलोत साहब थोड़ा तो गांधी के विचारों पर चलो।

धर्म विरुद्ध जबरन दाह संस्कार कराने वाली भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए कर रही नाटक
उधर कांग्रेस की ओर से परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने धरने के खिलाफ दूसरे दिन भी मोर्चा खोला और भाजपा को आड़े हाथों लिया। खाचरियावास ने कहा कि राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए भाजपा पुजारी के शव का अंतिम संस्कार नहीं होने देना चाहती है, जो धार्मिक परंपराओं और भारतीय संस्कृति के विपरीत है।

उपचुनावों में हार के डर से भाजपा पुजारी की लाश को लेकर बैठी है और धमकी दे रही है कि लाश को सहाड़ा और राजसमंद लेकर चले जाएंगे। लाश को महुआ ही रहने देते, आंदोलन जयपुर में कर सकते थे लेकिन भाजपा नेताओं के पास भीड़ जुटाने के लिए नहीं है इसलिए लाश के नाम पर भीड़ जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।

खाचरियावास ने कहा कि यह वही भाजपा है जिसने आनंदपाल की लाश को डीप फ्रीजर में नहीं रखने दिया था। आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने वालों पर पुलिस से गोलियां चलाई, 3 लोगों को मार दिया और जबरन लाश का दाह संस्कार करवा दिया। ऐसे में भाजपा नेता नैतिकता की दुहाई देना बंद करें।

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